(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। जनजाति कार्य विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे ही आश्रम छात्रावासों में अवैध काम जमकर हो रहे हैं और जिले के आला अधिकारियों के कानों में जूं नहीं रेंग रही है। बारापत्थर स्थित अंग्रेजी माध्यम कन्या आश्रम में पिछले दिनों जो कुछ हुआ वह किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं माना जा सकता है।
जनजाति कार्य विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अंग्रेजी माध्यम कन्या आश्रम की अधीक्षिका की स्वेच्छाचारिता इस कदर बढ़ चुकी है कि उनके द्वारा इस आश्रम के लिये संधारित किये जाने वाले उपस्थिति पत्रक में हस्ताक्षर करना ही बंद कर दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि यह आश्रम यहाँ के प्रधान पाठक के अधीन आता है। प्रधान पाठक कार्यालय में हाजिरी रजिस्टर रखा गया है और इस हाजिरी रजिस्टर में आश्रम अधीक्षिका के द्वारा महीनों से हस्ताक्षर नहीं किये जा रहे हैं। इस लिहाज से वे कितने दिन उपस्थित रहीं, कितने दिन का आकस्मिक या चिकित्सा अवकाश लिया गया, इस बारे में विभाग की स्थापना शाखा कैसे पता लगायेगी!
सूत्रों की मानें तो बिना किसी वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति लिये हुए ही आश्रम अधीक्षिका के द्वारा खुद के लिये पृथक से हाजिरी रजिस्टर बना लिया गया है। सूत्रों ने बताया कि नवंबर 2017 में हाजिरी रजिस्टर में उनके द्वारा यह लिख दिया गया कि पृथक से हाजिरी रजिस्टर बनाया गया है।
सूत्रों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि इस सब बातों की जानकारी जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त को नहीं है। इसके बाद भी पता नहीं किन वजहों से सहायक आयुक्त के द्वारा आश्रम अधीक्षिका के खिलाफ किसी तरह का कदम नहीं उठाया जा रहा है!