गौरी शंकर अड़े ढाल सिंह के नाम पर, बोध सिंह ने झोंकी पूरी ताकत!
(लिमटी खरे)
सिवनी (साई)। बालाघाट संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी को उम्मीदवार का नाम फाईनल करने में पसीना आता दिख रहा है। सिवनी के नेताओं के सहारे वर्तमान सांसद बोध सिंह भगत टिकिट पाने की जुगत लगा रहे हैं तो दूसरी और सियासी अखाड़े में बोध सिंह के धुर विरोधी माने जाने वाले गौरी शंकर बिसेन अपनी पुत्री के अलावा पूर्व मंत्री डॉ.ढाल सिंह बिसेन के नाम पर अड़ गये हैं।
भाजपा मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इस बात के संकेत देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में भोपाल सहित सात सीटों पर फैसला वर्तमान में टल गया है। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संगठन मंत्री सुहास भगत, विनय सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन आदि के बीच इन सीटों को लेकर मंथन जारी है।
सूत्रों का कहना है कि बालाघाट सहित सात सीटों पर रायशुमारी के बाद सामने आये नामों की सूची अनिल जैन के द्वारा आलाकमान को सौंप दी गयी है। बालाघाट संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद बोध सिंह भगत के अलावा पूर्व मंत्री डॉ.ढाल सिंह बिसेन के अलावा सिवनी लोकसभा सीट की अंतिम सांसद श्रीमती नीता पटेरिया का नाम भी इस सूची में बताया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि बालाघाट लोक सभा सीट को भाजपा के लिये सुरक्षित और जिताऊ सीट के रूप में देखा जाता रहा है। इसके चलते इस सीट पर दांव आजमाने के लिये भाजपा के अनेक नेताओं के द्वारा प्रयास किये जा रहे थे। इसी बीच सिवनी के स्थानीय प्रत्याशी का मामला उठा और उसके फुस्स होने के बाद सिवनी के नेताओं को बालाघाट संसदीय क्षेत्र से टिकिट मिलने की उम्मीद ही समाप्त हो गयी थी।
सूत्रों ने बताया कि इसी बीच बालाघाट को लेकर वर्तमान संसद सदस्य बोध सिंह भगत और प्रदेश के पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन के बीच चल रही रार से मामला और उलझता चला गया। नेताओं के द्वारा जब गौरी शंकर बिसेन की पुत्री मौसम बिसेन को टिकिट देने से इंकार किया गया तो गौरी शंकर बिसेन के द्वारा प्रदेश के पूर्व मंत्री डॉ.ढाल सिंह बिसेन का नाम आगे कर दिया गया।
सूत्रों की मानें तो गौरी शंकर बिसेन के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक नेताओं को इस बात के लिये राजी कर लिया गया है कि बालाघाट संसदीय क्षेत्र से चार बार विधायक रहे डॉ.ढाल सिंह बिसेन को मैदान में उतारा जाये। उन्होंने डॉ.बिसेन की जीत के प्रति भी नेताओं को आश्वस्त किया है।
यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि बालाघाट संसदीय क्षेत्र को पवार बाहुल्य संसदीय क्षेत्र माना जाता है। डॉ.ढाल सिंह बिसेन के द्वारा पवार बाहुल्य बरघाट का चार बार प्रतिनिधित्व किया गया है। परिसीमन के बाद यह सीट आरक्षित हो जाने से उन्हें केवलारी से मैदान में उतारा गया था।
डॉ.ढाल सिंह बिसेन के संपर्क आज भी बरघाट विधान सभा क्षेत्र में जीवंत हैं। इसके अलावा वे सिवनी विधान सभा के मुख्यालय में सालों से निवासरत हैं। सिवनी और बरघाट विधान सभा वैसे भी बालाघाट संसदीय क्षेत्र का अंग होने से डॉ.बिसेन को इसका लाभ अवश्य मिल सकता है। सूत्रों की मानें तो बुधवार को दोपहर बाद बालाघाट संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी की घोषणा हो सकती है।

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