करोड़ों की मशीनरी व वाहन हो गये कबाड़!

 

 

पालिका ने नहीं दिया ध्यान, फिल्टर प्लांट में जर्जर हो चुके अनेक वाहन

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। भारतीय जनता पार्टी शासित नगर पालिका परिषद के द्वारा जनता की सुविधाओं के लिये करोड़ों रूपयों की लागत वाली मशीनें और वाहन तो खरीद लिये गये किन्तु इनका उपयोग करना भूल ही गयी। पालिका में विपक्ष में बैठे काँग्रेस के पार्षद भी इस मामले में पूरी तरह निष्क्रिय ही नजर आये। इसका नतीजा यह हुआ कि ये मशीनें और वाहन कबाड़ में तब्दील हो गये हैं।

पालिका के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि भाजपा शासित नगर पालिका के द्वारा अब तक की गयी खरीदी की जाँच ही अगर काँग्रेस के दोनों विधायक, जिला या नगर काँग्रेस कमेटी के द्वारा करवा ली जाये तो सभी दांतों तले उंगली दबा लेंगे।

सूत्रों का कहना है कि शहर से रोजाना ही लगभग सात से आठ टन कचरा छोटे वाहनों और ट्रैक्टर ट्रॉली के जरिये उठाया जा रहा है। चार साल पहले पालिका के द्वारा 28 लाख रूपये की लागत से एक हाईड्रोलिक काम्पेक्टर ट्रक खरीदा गया था। इस वाहन का उपयोग खरीदे जाने की तिथि से आज तक नहीं किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि शहर में स्थान – स्थान पर रखीं कचरा पेटियों से कचरा उठाने का काम इस वाहन के जरिये किया जाता है। इस वाहन को चलाने के लिये पालिका के पास प्रशिक्षित चालक नहीं है। इन चार सालों में पालिका के सरकारी वेतन पाने वाले अधिकारियों को भी इतनी फुर्सत नहीं मिल पायी कि वे किसी चालक को भेजकर इसके लिये प्रशिक्षित करवा लेते।

सूत्रों ने आगे बताया कि शहर के बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि नगर पालिका के वाहनों के बेड़े में एक क्विक रिस्पॉन्स व्हीकल भी है। इस वाहन का प्रदर्शन आज तक नगर पालिका के द्वारा नहीं किया गया है। इस वाहन को खरीदा क्यों गया है, यह शोध का ही विषय माना जा सकता है।

पालिका के पास गटर साफ करने की एक मशीन भी है। इस मशीन का उपयोग भी अब तक नहीं किया गया है। इसके चलते निजि तौर पर गटर साफ करने वालों की चाँदी है। मनमानी दरों पर लोग गटर साफ करवाने पर मजबूर हैं। इसका उदाहरण इससे ही मिलता है कि शहर भर में लोगों के घरों की दीवारों पर बिना अनुमति के ही गटर साफ करने के इश्तेहार किसी के द्वारा पुतवा दिये गये हैं।

ये हो रहे कबाड़ : पालिका के पास फटका मशीन, बेलन मशीन, जेसीबी, दमकल, गटर सफाई मशीन, दो सौ से ज्यादा कचरा पेटियां, पानी के टैंकर, यूरिनल बॉक्स, चलित शौचालय, श्वान पकड़ने विशेष तौर पर बनायी गयी ट्रॉली, झूले, कुर्सियां आदि खुले में पड़ी सड़ रही हैं। इतना ही नहीं नगर पालिका के यूरिनल लावारिस हालत में पॉलीटेक्निक कॉलेज के मैदान के पीछे वाले हिस्से में पड़े सड़ रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि पालिका में चुने हुए पार्षदों में काँग्रेस और भाजपा की जुगलबंदी के चलते जनता के उपयोग के लिये सामग्रियों को खरीदने का ताना-बाना तो जमकर बुना जाता है पर इन सामग्रियों के उपयोग न होने की बात विपक्ष में बैठी काँग्रेस के पार्षदों के द्वारा नहीं उठाये जाने से इस तरह के हालात पैदा हुए हैं कि ये सामग्रियां कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं।

जनापेक्षा व्यक्त की जा रही है कि नगर पालिका के द्वारा पाँच सालों में कितने वाहन आदि खरीदे गये हैं इसकी जाँच की माँग काँग्रेस के विधायकों योगेंद्र सिंह, अर्जुन सिंह काकोड़िया सहित जिला काँग्रेस अध्यक्ष राज कुमार खुराना एवं नगर अध्यक्ष इमरान पटेल के द्वारा मुख्यमंत्री से की जाना चाहिये, ताकि जनता के गाढ़े पसीने से संचित राजस्व की होली खेलने वाले अधिकारियों से इसकी वसूली की जा सके।

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