(ब्यूरो कार्यालय)
बरघाट (साई)। लाखों रूपये की लागत से खूंट बरघाट मेन रोड पर स्थित नर्सरी प्रांगण में मृदा परीक्षण प्रयोग शाला का भवन बनाया गया है। इसका उद्देश्य आधुनिक उपकरणों, मशीनों के माध्यम से किसानों की खेत की मिट्टी में किन – किन तत्वों की कमी है और किन – किन तत्वों की आवश्यकता है, यह पता लगाकर उनकी पूर्ति कर अपनी उपज की पैदावार बढ़ाना है।
किसानों ने कृषि विभाग के उच्च अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि भवन निर्माण के बाद भी प्रयोग शाला चालू करने में विभाग के अधिकारी हीलाहवाली कर रहे हैं। इसके चलते किसान मृदा परीक्षण के लिये भटक रहे हैं।
किसानों में शामिल रघुवीर प्रसाद पारधी, महेश, गौतम, रमेश ठाकरे आदि ने बताया कि यदि मृदा परीक्षण केंद्र में शीर्ष मिट्टी की जाँच आरंभ हो गयी तो वे कुछ नया कर सकते हैं। मिट्टी की उर्वरा शक्ति का सही तरीके से मापन न होने के कारण वे अपनी उपज कम पा रहे हैं।
किसानों ने कहा कि बरघाट क्षेत्र धान की पैदावार में प्रदेश और देश में जाना जाता है। अभी कुछ दिनों बाद ही धान की रोपाई का काम किसानों द्वारा प्रारंभ किया जाना है। वैज्ञानिक तकनीकी से खेती की बात तो कृषि विभाग द्वारा की जाती है पर जब भी जरूरत होती है तो किसानों को सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है।
अधिकारियों ने स्टाफ की कमी का हवाला दिया है. सभी आवश्यकताएं पूर्ण कर शीघ्र ही प्रयोग शाला चालू किये जाने की बात अधिकारियों से की है.
अर्जुन सिंह काकोड़िया,
विधायक, बरघाट.
सरकारी लैब में कर्मचारियों की भर्त्ती नहीं होने के कारण वहाँ कार्य बंद है. फिलहाल मिनी लैब में मृदा परीक्षण जारी है.
एस.के. धुर्वे,
उप संचालक किसान कल्याण.

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