पाँच साल ध्यान दिया होता तो न होती यह हालत!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। बीसवीं शताब्दी के अंतिम दशक से इक्कीसवीं शताब्दी के पहले दशक तक अपने नाम का लोहा मनवाने वाले काँग्रेस के कद्दावर नेता स्व.हरवंश सिंह ठाकुर की छठवीं पुण्य तिथि पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपारा में फल वितरित करने गये काँग्रेसी नेताओं को अस्पताल में गंदगी से दो चार होना पड़ा।
सीएचसी छपारा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि छपारा में काँग्रेस के कार्यकर्त्ताओं ने स्व.हरवंश सिंह की छठवीं पुण्यतिथि पर उनके छायाचित्र पर माल्यापर्ण कर, उनके द्वारा उन्हें श्रृद्धा सुमन अर्पित किये गये। इसके बाद काँग्रेस के पूर्व विधायक एवं हरवंश सिंह के ज्येष्ठ पुत्र रजनीश सिंह के नेत्तृत्व में काँग्रेस के कार्यकर्त्ता सीएचसी में मरीजों को फल वितरित करने गये।
सूत्रों का कहना था कि फल वितरण के दौरान काँग्रेस के कार्यकर्त्ताओं को अस्पताल से उठ रही दुर्गंध और गंदगी का सामना करना पड़ा। इसके बाद पूर्व विधायक रजनीश सिंह ने खण्ड चिकित्सा अधिकारी को आड़े हाथों लेते हुए यह तक कह डाला कि अगर वे अस्पताल नहीं पहुँचते तो उन्हें यह पता नहीं चल पाता कि अस्पताल में कितनी गंदगी है।
सूत्रों का कहना था कि पूर्व विधायक रजनीश हरवंश सिंह के द्वारा बीएमओ से कहा कि कम से कम हरवंश सिंह की पुण्य तिथि का तो ख्याल कर लिया जाता। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं चलेगा। उन्होंने अस्पताल में फैली गंदगी पर अपनी तल्ख नाराजगी से बीएमओ को अवगत कराया।
सूत्रों की मानें तो गंदगी और दुर्गंध के चलते काँग्रेस के नेताओं को मितली आने लगी और कुछ की तबियत भी बिगड़ने लगी। सूत्रों ने कहा कि एक ओर तो जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह के द्वारा जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त दुरूस्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं वहीं, छपारा की सीएचसी में गंदगी पसरी हुई है। इस गंदगी में मरीज किस तरह स्वस्थ्य हो रहे होंगे यह भी शोध का ही विषय है।
इसी बीच काँग्रेस के नेताओं में इस बात की चर्चा चलती रही कि रजनीश हरवंश सिंह क्षेत्र में पाँच साल तक विधायक रहे हैं। अगर वे पाँच सालों में लगातार ही इस अस्पताल का निरीक्षण करते रहते तो आज उन्हें और अन्य काँग्रेसियों को इस तरह की स्थिति से दो चार नहीं होना पड़ता।
काँग्रेस के नेताओं के बीच चल रहीं चर्चाओं के अनुसार पूर्व विधायक के द्वारा पाँच सालों तक तो क्षेत्र का ध्यान नहीं रखा गया और अब जब वे विधायक नहीं है तब वे बीएमओ पर भड़क रहे हैं। चर्चाओं के अनुसार जब उन्हें खुद को गंदगी से दो चार होना पड़ा तो उनके द्वारा नाराजगी जतायी गयी, जबकि सीएचसी में इस तरह की स्थिति पाँच सालों से लगातार ही बनी हुई है।
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