(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। होलिका पर्व के अवसर पर देर रात्रि में होलिका दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया लोगों ने दोपहर से ही अपने अपने प्रतिष्ठानों में रंग गुलाल के साथ होली खेलना प्रारंभ कर दिया, और आपस में एक दूसरे को रंग लगाना प्रारंभ कर दिया।
इस संबंध में डा रामकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि यह पर्व बुराईयों को जलाकर आपस में अलग अलग रंगों के साथ लगाया जाता है, तो सारी बुराई दूर हो जाती है, और लोग एकता के सूत्र में बंध जाते है। भूगोल विभाग के डॉ. राजीव कौशल का कहना है कि पर्यावरण के परिवर्तन एवं संरक्षण मे होली पर्व का विशेष महत्व है यह पर्व के माध्यम से हम मौसम के बदलते परिवेश से साक्षाकार करते है।
अधिवक्ता अखिलेश यादव का कहना है कि प्राकृति का अपना विधि विधान है और इसी विधान के चलते ऋतु परिवर्तन होती है जिसमें फाग और चौत्र के मध्य होली पर्व का आगमन होता है। वाणिज्य संकाय की सरिता पाराशर का कहना है कि देश की अर्थ व्यवस्था मार्च एवं अप्रैल में आने वाले बजट पर निर्भर होती है होली में किसानों की फसल पर देश का बजट निर्भर होता है।
श्वेता सोनी ने कहा कि बुराईयों का नाश हो और लोगो के मन में अच्छे विचार आये यही संदेश इस पर्व का है। वहीं, महेन्द्र नायक का कहना है कि हम प्रतिदिन प्रकृति से खिलवाड कर रहे है जिससे रोकने का संदेश होली पर्व देता है होली पर्व पर पूरे जिले में हर्षाेल्लास का वातावरण देखा गया।