(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। लोकसभा चुनाव के लिये मैदान में उतरे ऐसे प्रत्याशी जिन्होंने अपनी प्रचार सामग्री नामाँकन की तिथि से पहले से तैयार करा लिये है उन्हें उसका खर्च भी निर्वाचन व्यय में जोड़ना होगा।
भारत निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के निर्वाचन व्ययों के लेखों के संबंध में स्पष्ट किया है कि अभ्यर्थी अपने निर्वाचन व्यय लेखों के रजिस्टर का रख रखाव करते समय उन सभी खर्च के लिये भी उत्तरदायी होगा, जो उसने पूर्व में सामग्री तैयार करने में व्यय की है तथा जिसका वास्तविक उपयोग वह नामाँकन अवधि समाप्त होने पर करता है।
उल्लेखनीय है कि आयोग के ध्यान में यह लाया गया कि कुछ मामलों में नामाँकन दाखिल करने से पहले ही भावी उम्मीदवार को पहले से तैयार की गयी प्रचार सामग्री प्राप्त हो जाती है। इस प्रकार के खर्चों के लेखे संबंधी प्रश्न भी उठाये गये हैं। पूर्व में कुछ अभ्यर्थियों ने अपने निर्वाचन व्ययों के लेखों से उन मदों पर उपगत व्यय इस बहाने हटा दिया कि केवल नामाँकन दाखिल करने के दिन उपगत व्यय के लिये ही लेखा देना होता है।