(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। पेंच नेशनल पार्क में बाघ और तेंदुए जैसे जीवों की तादाद बढ़ती जा रही है और उनके लिये रहवास का स्थान (टेरिटरी) कम पड़ता जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप वन्य जीवों में आपसी संघर्ष हो रहा है जिससे ये काल कलवित हो रहे हैं।
पेंच नेशनल पार्क के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 06 अप्रैल को सुबह सवा नौ बजे गश्ती के दौरान बीट प्रभारी पथरई सतीश साहू एवं सुरक्षा श्रमिक के द्वारा घाट कोहका, बफर परिक्षेत्र के कक्ष क्रमाँक पी 452, बीट आलेसुर मे एक तेंदुआ मौके पर मृत पाया गया।
सूत्रों ने बताया कि इसकी सूचना उनके द्वारा तत्काल संबंधित के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को दी गयी। जानकारी मिलते ही क्षेत्र संचालक, उप संचालक और अन्य अधिकारी मौके पर पहुँचे। राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण निर्धारित एस.ओ.पी. के अनुसार एन.टी.सी.ए. प्रतिनिधि शहवाज शेख एवं वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष पेंच टाईगर रिज़र्व के वरिष्ठ वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ.अखिलेश मिश्रा के द्वारा शव परीक्षण किया गया।
सूत्रों का कहना है कि शव परीक्षण के दौरान तेंदुआ एवं बाघ की आपसी लड़ाई में तेंदुआ की मृत्यु होना प्रतीत हो रहा है। मृत तेंदुए के पिछले हिस्से में घाव के निशान पाये गये हैं। तेंदुए का शव लगभग 02 से 03 दिन पुराना प्रतीत हो रहा था। तेंदुए के समस्त अवयव सुरक्षित पाये गये। शव परीक्षण उपरांत आवश्यक अवयवों को प्रयोगशाला परीक्षण हेतु संरक्षित किया गया है। शव परीक्षण उपरांत तेंदुए को पूर्ण रूप से जलाकर नष्ट किया गया।