अवैध वसूली की लगातार हो रहीं शिकायतें, अधिकारी मौन
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सीमा मेटेवानी में स्थित एकीकृत जाँच चौकी में अंर्तराज्यीय परिवहन जाँच चौकी पिछले वित्तीय वर्ष का लक्ष्य पूरा नहीं कर पायी है। इसका कारण इस जाँच चौकी पर दलालों का वर्चस्व ही बताया जा रहा है। आये दिन वाहन चालकों से दलालों की ज्यादती की शिकायतें प्रकाश में आने के बाद भी विभागीय अधिकारी हाथ पर हाथ रखे ही बैठे दिखते हैं।
ज्ञातव्य है कि इस एकीकृत जाँच चौकी में परिवहन विभाग के अलावा मण्डी, विक्रयकर आदि विभागों के द्वारा वाहनों की जाँच की जाती है। जाँच चौकी के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि हर विभाग के द्वारा यहाँ दलालों की बैसाखी के जरिये ही काम किया जाता है।
सूत्रों ने बताया कि परिवहन विभाग को वित्तीय वर्ष 2018 – 2019 में 45 करोड़ 17 लाख रूपये का लक्ष्य दिया गया था। विभाग के अधिकारी साल भर दलालों के भरोसे ही रहे, जिसके चलते यहाँ विभाग को महज 41 करोड़ 12 लाख रूपये का राजस्व ही मिल पाया है। इसके पहले वाले वित्तीय वर्ष में यह वसूली 40 करोड़ 26 लाख रूपये की हुई थी।
ट्रक चालकों का आरोप है कि उनके द्वारा वाहनों के संबंध में फिटनेस, पंजीयन, चालक अनुज्ञा, प्रदूषण आदि के कागजात दिखाये जाने के बाद भी उनसे दलालों के जरिये दो सौ से एक हजार रूपये तक की वसूली की जाती है। चालकों का कहना है कि उनसे वसूली करने के बाद इन दलालों के द्वारा उन्हें किसी तरह की रसीद भी नहीं दी जाती है।
ज्ञातव्य है कि इस साल 13 जनवरी को वाहन चालकों सहित अनेक संगठन के लोगों के द्वारा इस मामले की शिकायत लिखित तौर पर जिला कलेक्टर से की गयी थी। इस मामले में जाँच का आश्वासन तो मिला पर अब तक इस मामले में किसी तरह की कार्यवाही नहीं होने के कारण वाहन चालकों में रोष और असंतोष पनप रहा है।