जर्जर भवन के नीचे पढ़ने मजबूर हैं नौनिहाल

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। जिला मुख्यालय सहित जिले में सितंबर माह में हुई अत्याधिक बारिश से फसलों और मकानों को तो नुकसान हुआ ही है, स्कूल भवन भी इसकी जद में आये हैं। तेज बारिश के कारण जिले के 211 स्कूल जर्जर अवस्था में पहुँच गये हैं। इन्ही स्कूल भवन में खतरों के बीच छात्र पढ़ाई करने मजबूर हो रहे हैं।

प्रायमरी स्कूल भवन से लेकर हायर सेकेण्डरी स्कूल तक की बिल्डिंग से जरा सी बारिश होने पर पानी टपक रहा है और दीवारें सीपेज हो चुकी हैं। दूसरी ओर स्कूलों की बदहाल स्थिति के चलते बच्चों के मन में स्कूल के प्रति भय की स्थिति देखी जा रही है। कहीं पर छप्पर बदहाल है तो कहीं पर गुणवत्ता विहीन भवन बनने के कारण लेंटर से सीमेंट, कांक्रीट के टुकड़े गिर रहे हैं। इतना ही नही बारिश में तो यहाँ पर बैठना किसी जोखिम से कम नहीं है।

भवन की मरम्मत पर नहीं दिया जा रहा ध्यान – स्कूलों में भवन निर्माण का कार्य राज्य शिक्षा मिशन के अंतर्गत किया जाता है जबकि अध्यापन कार्य जिला शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है। मिशन द्वारा हर 10-20 किलो मीटर की दूरी पर भवन का निर्माण तो कर दिया गया है लेकिन इनके रखरखाव को लेकर कभी ध्यान नहीं दिया जाता। ऐसी स्थिति में चंद वर्षाें में ही यह भवन जर्जर हो जाते हैं और बच्चों के लिये दुर्घटना का कारण बनते हैं।

सभी विकासखण्डों में जर्जर हुए स्कूल भवन : जिले में कुल 211 भवन ऐसे हैं जो बारिश के चलते जर्जर अवस्था में पहुँच गये है। इनमें 175 प्रायमरी स्कूल भवन हैं जबकि 36 मिडिल स्कूल के भवन शामिल है। सिवनी विकास खण्ड में 21 प्रायमरी, पाँच मिडिल स्कूल भवन ऐसे है जो कक्षाएं लगाने योग्य नहीं हैं।

इसी तरह बरघाट ब्लॉक में 22 प्रायमरी, तीन मिडिल, धनौरा विकास खण्ड में 17 प्रायमरी, पाँच मिडिल, घंसौर विकास खण्ड में 35 प्रायमरी और तीन मिडिल, कुरई विकास खण्ड में 17 प्रायमरी और पाँच मिडिल, छपारा विकास खण्ड में 13 प्रायमरी, आठ मिडिल, लखनादौन विकास खण्ड में 20 प्रायमरी और दो मिडिल स्कूल भवन जर्जर अवस्था में पहुँच गये हैं। इसी तरह केवलारी विकास खण्ड में 32 प्रायमरी और चार मिडिल स्कूल भवन ऐसे हैं जहाँ जर्जर अवस्था में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।

बैठने योग्य नहीं बचे ये स्कूल भवन : शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल की 20 से 25 बिल्डिंग को लेकर शिकायत मिली है जो बारिश के चलते सीपेज हो गयी है और भवन बैठने योग्य नहीं हैं। इसके बावजूद इन्ही भवनों में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।

तेज बारिश के चलते इन जर्जर स्कूल भवनों में पानी भर जाता है जिससे अध्यापन कार्य में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आदिवासी विकास खण्ड कुरई के सूखाखेड़ा में गत दिवस आंधी तूफान के चलते भवन धराशायी हो गया। जिसको लेकर तात्कालिक व्यवस्था के तहत अध्यापन कार्य पंचायत भवन में कराया जा रहा है। इस तरह के आठों विकास खण्डों में संचालित स्कूलों की स्थिति भी दयनीय बनी हुई है।