एक करोड़ से बने ओपन कैप हुए जर्जर!

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। जिले में सरकारी स्तर पर करवाये जाने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता क्या है इस बात को परखने के लिये जिम्मेदार अफसरान ने अपनी जवाबदेहियों से मुँह मोड़ रखा है। छिंदवाड़ा मार्ग पर कारीरात में हाल ही में एक करोड़ रूपये की लागत से करवाये गये ओपन कैप बनते ही जर्जर अवस्था को प्राप्त होने लगे हैं।

छिंदवाड़ा मार्ग पर जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलो मीटर दूर कारीरात गाँव के पास पर्यटन विभाग के रेस्टॉरेंट से लगी सरकारी जमीन पर लगभग 01 करोड़ 18 लाख रूपये की लागत से ओपन कैप का निर्माण किया गया है। मध्य प्रदेश वेयर हाउस कॉर्पाेरेशन के तकनीकी प्रभाग की देखरेख में बनाये गये ओपन कैप बनते ही जर्जर अवस्था को प्राप्त होते दिख रहे हैं। कैप की दीवार व कांक्रीट से तैयार सतह अनाज के भण्डारण से पहले ही बारिश की मार नहीं झेल पायी है।

इस कैप में चारों ओर गहरी दरारें दिखायी दे रही हैं। वहीं कैप में कांक्रीटीकरण का लेवल भी असमतल व ऊँचा – नीचा है। कमजोर और टूट रहे ओपन कैप में भण्डारित अनाज सुरक्षित रहेगा.. यह कहना फिलहाल दुष्कर ही प्रतीत हो रहा है। क्षेत्रवासियोंने कैप निर्माण में ठेकेदार पर गड़बड़ी के आरोप लगाये हैं। हालांकि विभागीय अधिकारी कम बजट को इसके लिये जिम्मेदार बता रहे हैं।

जबलपुर वेयर हाउस कॉर्पाेरेशन के तकनीकी अमले के द्वारा लगभग 18 कैप का निर्माण कारीरात में करवाया गया है। विभाग को लगभग 28 हजार मेट्रिक टन अनाज भण्डारण के लिये कैप का निर्माण करवाना था लेकिन गेहूँ की आवक नहीं होने के कारण फिलहाल ओपन कैप के निर्माण का कार्य रोक दिया गया है।

बताया जाता है कि एक कैप (चबूतरे) में लगभग 150 मीट्रिक टन अनाज का भण्डारण किया जाना है। भण्डारण से पहले ही कैप के चबूतरों में बड़ी और गहरी दरारें नज़र आने लगी हैं। इन दरारों को भरने के लिये सीमेंट के घोल व कांक्रीट से चबूतरे में जगह – जगह थिगड़े लगा दिये गये हैं।

वहीं, वेयर हाउस कॉर्पाेरेशन के तकनीकी अधिकारियों का कहना है कि लागत की 10 प्रतिशत परफॉर्मंेस राशि ठेकेदार द्वारा सिक्योरिटी के तौर पर विभाग में एक साल के लिये जमा करवायी गयी है। एक साल के दौरान कैप में होने वाली टूट फूट व मरम्मत के लिये संबंधित ठेकेदार जिम्मेदार रहेगा।

अधिकारियों का कहना है कि अनाज को अस्थायी (टेम्परेरी) तौर पर 03 से 06 माह के लिये भण्डारित करने कैप बनाये गये हैं। इसके बाद इन कैपों की कोई उपयोगिता नहीं है, इसलिये कम बजट में इन्हें तैयार करवाया गया है।