बालाघाट से काँग्रेस-भाजपा ने तय किये प्रत्याशियों के नाम
(होली ब्यूरो)
सिवनी (साई)। लोक सभा चुनावों के मद्देनजर काँग्रेस और भाजपा के द्वारा बुधवार को प्रत्याशियों के नामों की घोषणा अंततः कर ही दी गयी। काँग्रेस की ओर से बालाघाट लोक सभा के लिये जिला काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज कुमार खुराना तो भाजपा की ओर से पूर्व त्रिविभागीय मंत्री डॉ.ढाल सिंह बिसेन का नाम तय किया गया है।
दोनों ही नामों की घोषणा देर रात की गयी है। काँग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राज कुमार खुराना भले ही दो बार विधान सभा चुनावों में पराजित हो चुके हों पर जब वे काँग्रेस के जिला अध्यक्ष बने उसके बाद काँग्रेस संगठन में कसावट महसूस की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि जिला काँग्रेस अध्यक्ष बनते ही राज कुमार खुराना के द्वारा 2013 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के सिवनी दौरे के दौरान नगर काँग्रेस अध्यक्ष इमरान पटेल द्वारा जिला काँग्रेस कमेटी के भवन की माँग पर कमल नाथ के द्वारा मुहर लगाये जाने के बाद भी लंबित चल रहे काँग्रेस भवन का काम युद्ध स्तर पर आरंभ करवाया गया। यह काम अब पूर्णता की ओर है।
सूत्रों की मानें तो जिला काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज कुमार खुराना के अध्यक्षीय कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि दशकों से काँग्रेस के हाथों से फिसलने वाली बरघाट विधान सभा सीट पर काँग्रेस का परचम लहराना है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए राज कुमार खुराना को काँग्रेस के द्वारा प्रत्याशी बनाया गया है।
इधर, भाजपा के अंदर चल रहीं चर्चाओं के अनुसार पूर्व त्रिविभागीय मंत्री डॉ.ढाल सिंह बिसेन के कद और पार्टी के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने बालाघाट लोक सभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में उतारने का फैसला किया है।
चर्चाओं के अनुसार बालाघाट लोक सभा क्षेत्र मूलतः पवार बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। इस क्षेत्र में अब तक अधिकांश सांसद और विधायक पवार जाति के ही चुने गये हैं। इस लिहाज से जातिगत समीकरणों को भी ध्यान में रखते हुए डॉ.ढाल सिंह बिसेन के नाम पर भाजपा के आला नेताओं के द्वारा सहमति प्रदाय की गयी है।
काँग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब होली का त्यौहार बीतने के बाद ही सियासी बियावान में चुनावी माहौल गरमा सकता है। काँग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के बीच रोचक मुकाबला होने की उम्मीद सभी के द्वारा लगायी जा रही है। फिलहाल होली के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि ऊँट किस करवट बैठेगा। (हो.स.)