प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा जारी की गयी दम देने वाली विज्ञप्ति!
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की कथित अनदेखी और अकर्मण्यता का ही परिणाम है कि दो फाड़ों में बंट चुके अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के एक धड़े ने सार्वजनिक रूप से पालकों को धमकाना आरंभ कर दिया है। प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा बुधवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार जिन विद्यार्थियों ने फीस जमा नहीं की है वे सावधान हो जायें।
यदि आपने अपने बच्चें की स्कूल की फीस जमा नहीं की है तो सावधान हो जायें क्योंकि स्कूल संचालक ऐसे अभिभावकों की सूची और नाम सोशल मीडिया में अपलोड कर सकते हैं। इसके साथ ही ऐसे छात्रों को दूसरे स्कूलों में भी प्रवेश नहीं मिल सकेगा। यह चौंकाने वाला फैसला प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन सिवनी ने लिया है। एक विज्ञप्ति जारी कर एसोसिएशन ने इस फैसले की जानकारी दी है। इस बात की जानकारी जैसे ही कलेक्टर सिवनी और जिला शिक्षा अधिकारी को लगी वैसे ही उन्होंने इस फैसले को गलत बताते हुए कार्यवाही की बात कही है।
फीस से बना रहे बंग्ला! : प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि निजि स्कूलों में कम से कम 20 फीसदी ऐसे अभिभावक होते हैं जो किसी भी सूरत में स्कूल की फीस नहीं देते। इस फीस के पैसों से लोग मकान और वाहन बना लेते हैं, जिसके कारण स्कूल संचालकों को कथित तौर पर आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
विज्ञप्ति के अनुसार इस तरह की परिस्थितियों को देखते हुए संगठन ने फैसला किया है कि जिस बच्चे की अंतिम पेपर तक पूरी फीस जमा नहीं होती है तो उसका अंतिम पेपर रोककर 15 अप्रैल को दूसरे चरण में लिया जाये और अभिभावक से 15 अप्रैल के पूर्व फीस जमा करने को कहा जायेगा।
विज्ञप्ति के अनुसार इसके बाद भी फीस जमा न होने पर अगले सत्र से विद्यार्थी का नाम काटकर इसकी जानकारी दूसरे स्कूलों में भी भेजी जायेगी, जिससे उस विद्यार्थी को कहीं भी प्रवेश न मिल सके। संगठन ने इसके पीछे तर्क दिया है कि हाई कोर्ट और सु्प्रीम कोर्ट ने भी स्कूल संचालकों को कथित तौर पर फीस लेने के लिये स्वतंत्र रखा है। संगठन ने कहा है कि छात्रों को परेशान न किया जाये और परीक्षा ली जाये और उसका नाम काटकर ऐसे बच्चें की सूची प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के फेसबुक पेज और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया में सार्वजनिक की जाये।
विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि सभी त्यौहार मनाये जा रहे हैं। ओले गिर गये, फसल नष्ट हो गयी। सब अच्छा या बुरा सिर्फ स्कूल की फीस पर ही निर्भर करता है। क्या कभी किसी ने सोचा है कि इन परिस्थितियों में शाला किन – किन समस्याओं से दो चार होती है।
ज्ञातव्य है कि पालकों के द्वारा सदा से ही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के द्वारा कथित रूप से अनदेखी किये जाने के आरोप लगाये जाते रहे हैं। इसके बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के द्वारा इस संबंध में किसी तरह की कार्यवाही नहीं की जाती है। मजे की बात तो यह है कि काँग्रेस और भाजपा के छात्र संगठन भी इस मामले में मौन ही रहते आये हैं।
इस संबंध में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि उनके संज्ञान में यह बात आयी है। पीएसए ने अगर विज्ञप्ति जारी की है और इसका प्रकाशन कहीं होता है तो संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
शैलेष तिवारी के नाम से बनी इस ईमेल आई डी से यह खबर सुबह जारी हुई और देर रात इस खबर को प्रकाशित न करने का आग्रह युक्त एक ईमेल भेजा गया है। इस खबर को प्रकाशित क्यों न किया जाये इस संबंध में किसी तरह के कारण का उल्लेख इसमें नहीं किया गया है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 में किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.