क्षमावीरों का आभूषण है : प्रज्ञानंद

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। भगवान महावीर ने कहा कि जियो ओर जीने दो, जीवों को जीनेका अध्किार दे। एक दूसरे पर परस्पर उपकार करो तभी विश्व में शांति आयेगी। चाहे इंसान हो या जीव जन्तु सभी ईश्वर के अंश है सभी को जीने का अधिकार है।

उक्त उद्गार तरण तारण जैन चौत्यालय भैरोगंज में क्षमावाणी पर्व के अवसर पर वर्षायोग कर रहे प्रज्ञानंद महाराज ने व्यक्त किये। आपने कहा कि महावीर स्वामी ने सारी दुनिया केा शांति का संदेश दिया। आपस में कोई मतभेद न हो। अनजाने में गलती की क्षमा माँगना हमारी परम्परा नहीं है आज भी चीन में भगवान महावीर के अनुयायी है। जैन धर्म सुख और शांति की भावना पैदा करता है। यही तारण स्वामी का संदेश है कि तू ही स्वयं भगवान है।

इस अवसर पर तरण तारण समाज के अध्यक्ष सुजीत जैन कहा कि जैन धर्म में क्षमावाणी पर्व का बड़ामहत्व होता है। दसलक्षण महापर्व क्षमा स शुरू होता है अंतिम क्षमावणी पर सम्पन्न होता है। इससे समाज को अच्छी शिक्षा मिलती है। गलती होने पर पायश्चित लेना जिससे दोबारा गलती न हो और जीव का जीवन बदल दे। क्षमा वीरों का आभूषण है। इस अवसर पर समाज के पूर्व अध्यक्ष संतोष, पीयूष जैन, रोहित जैन, राजेश जैन सहित सकल तारण समाज के लोग उपस्थित थे।