ब्रम्हकुमारीज का तनाव मुक्ति कार्यक्रम संपन्न
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। तनाव कोई नही चाहता लेकिन हो जाता है। 50 साल पहले मनुष्य का मन जितना शक्तिषाली था, अब नही है, जबकि समस्यायें पहले भी थी। वह समय था जब व्यक्ति एक चौपाल पर एकत्र होकर एक-दूसरे के सहयोग की बाते करते थे, मनोरंजन करते थे, विचारों का आदान प्रदान करते थे, लेकिन आज व्यक्ति अपने आप से बात नहीं कर पा रहा है।
उक्ताशय के विचार ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा स्मृति लॉन में आयोजित माउण्ट आबू से आए वरिष्ठ राजयोगी श्री सूरज नेे व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि इसके कारण अनेकानेक प्रकार के तनाव, चिंता, अवसाद, व्यर्थ संकल्प पैदा होते हैं। आज मनुष्य लक्ष्य बनाकर जिन राहों पर चल रहा है लेकिन वह मंजिल नही मिल पा रही है तो गलत नही है। आज आवश्यकता है मन को शक्तिशाली बनाने की।
आपने आगे कहा कि 50 साल पहले मनुष्य हर हाल में संतुष्ट रहता था, लेकिन आज वह हर बात में असंतुष्ट दिखाई दे रहा है। अगर हमें तनावमुक्त जीवन जीना है तो मोबाइल, फेसबुक आदि के अधिकाधिक प्रयोग से बचना होगा। साथ ही अपने बच्चों में यह लत न लगे इस पर सावधान करने रहने की जरुरत है।