सहारा एजेंट ने किया अग्नि स्नान, तोड़ा दम

 

 

उपभोक्ताओं के पैसे लौटाने काट रहा था सहारा कार्यालय के चक्कर

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। सहारा बैंकिंग में काम करने वाले एक एजेंट के द्वारा ब्रहस्पतिवार 06 जून को सहारा के शाखा कार्यालय में अपने आप पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली गयी। उसे गंभीर हालत में अस्प्ताल में भर्त्ती कराया गया। जबलपुर जाते समय एजेंट के द्वारा छपारा के पास दम तोड़ दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बण्डोल निवासी मुकेश (40) पिता सीताराम सराठे, सहारा बैंक के एजेंट के द्वारा लगभग सात आठ सालों से सहारा के लिये काम किया जाता रहा है। पिछले कुछ माहों से उपभोक्ताओं के द्वारा किये गये निवेश की परिपक्वता की राशि पाने हेतु वह सहारा के कार्यालय में लगातार चक्कर काट रहा था। यह राशि दस लाख रूपये के आसपास बतायी जाती है।

सहारा के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मुकेश के द्वारा बार – बार निवेशकों की राशि लौटाने के लिये कार्यालय के चक्कर काटे जा रहे थे। उसे कार्यालय में कोई भी ठीक तरीके से जवाब नहीं दे रहा था। इससे आज़िज आकर मुकेश के द्वारा इस बात की जानकारी शाखा प्रबंधक रामजी पासवान को दी गयी थी।

सूत्रों ने बताया कि इसके बाद भी उन्हें पैसे नहीं मिल पा रहे थे। ब्रहस्पतिवार को सुंबह 10 बजे मुकेश सहारा कार्यालय पहुँचे और उनके द्वारा बैंक प्रबंधक से दो टूक बात की गयी। इसके बाद भी बैंक प्रबंधक के द्वारा मुकेश को किसी तरह का संतोष जनक जवाब नहीं मिलने पर मुकेश ने खुद के ऊपर पेट्रोल उड़ेल कर आग लगा ली।

बताया जाता है कि इस आग ने मुकेश को बुरी तरह अपनी चपेट में ले लिया था। उनके शरीर का ऊपरी भाग जमकर झुलस चुका था। इस बात की जानकारी मिलते ही नगर निरीक्षक अरविंद जैन सदल बल मौके पर जा पहुँचे और आग बुझाकर उनके द्वारा बुरी तरह झुलसे मुकेश को एंबुलेंस के माध्यम से जिला अस्पताल भेजा गया।

जिला अस्पताल में मुकेश की गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों के द्वारा उन्हें जबलपुर रेफर कर दिया गया। मुकेश के परिजन उन्हें लेकर जबलपुर जा रहे थे तभी छपारा के पास उन्होंने दम तोड़ दिया। परिजनों के द्वारा मुकेश को तत्काल छपारा अस्प्ताल ले जाया गया किन्तु छपारा अस्पताल में उन्हें कोई भी चिकित्सक उपलब्ध नहीं हो सका।

इधर कोतवाली पुलिस ने इस मामले में अपराध पंजीबद्ध करते हुए शव का पीएम कराया जाकर शव को उसके परिजनों को सौंप दिया है। इस तरह की अनापेक्षित घटना से मृतक की पत्नि और माता दोनों ही सदमे में हैं। मृतक का एक पुत्र और एक पुत्री है। वह अपने परिवार के चार भाईयों में सबसे बड़ा था।

कोतवाली पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले में सहारा के प्रबंधक रामजी पासवान पर खुदकुशी के लिये प्रेरित करने का अपराध पंजीबद्ध किया जा सकता है। कोतवाली पुलिस ने सहारा के प्रबंधक रामजी पासवान को पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ आरंभ कर दी है।

मुकेश के द्वारा मृत्युपूर्व दिये बयान में कहा गया है कि वे सहारा बैंक के प्रबंधक रामजी पासवान द्वारा भुगतान नहीं किये जाने के कारण लंबे समय से परेशान थे. रामजी पासवान को पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में ले लिया है. इस मामले में कार्यवाही जारी है.

अरविंद जैन,

नगर कोतवाल.