(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। धर्म सम्राट् अनन्तश्री ज्योतिष एवं द्वारका, शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज की माताश्री गिरिजा देवी की जन्म स्थली मातृधाम में स्थापित भव्य शक्तिपीठ में श्रीविद्या एवं श्रीयंत्र की अधिष्ठात्री श्रीमाता ललितेश्वरी त्रिपुर सुन्दरी अपने दिव्य विग्रह के साथ विराजमान हैं।
मंदिर परिसर में माँ भगवती के साथ दस महाविद्या, बटुक भैरव, नवग्रह, ललितेश्वर महादेव, अम्बिकेश्वर महादेव एवं इष्टसिद्धि हनुमानजी हैं जो भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। जगद्गुरु शंकराचार्य महाराज के द्वारा प्रतिष्ठित यह शक्तिपीठ मातृ देवोभव के सनातनी को महिमा मण्डित करता सनातन धर्मियों के लिये आस्था और विश्वास का महान केन्द्र है।
वासंतीय नवरात्र पर्व पर घृत एवं तेल के ज्योति कलश स्थापित किये जायेंगे। मातृधाम के प्रभारी धर्मवीर अजित तिवारी ने उक्ताशय की जानकारी देते हुए बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 06 अप्रैल को प्रातः 11 बजे ज्योति कलश एवं घट स्थापना के साथ नवरात्र पर्व प्रारंभ होगा।
उन्होंने बताया कि 10 अप्रैल को पंचमी पूजन, 13 अप्रैल को अष्टमीं पूजन, नवमीं, कन्या पूजन एवं कन्या भोजन, हवन एवं 14 अप्रैल दसमीं के दिन प्रातः साढ़े 10 बजे जवारे विसर्जन महा प्रसाद वितरण किया जायेगा। नवरात्र पर्व पर माँ भगवती के दर्शनार्थ प्रातः 06 बजे से देर रात्रि तक मंदिर के पट खुले रहेंगे।
धर्मवीर अजित तिवारी ने बताया कि नवरात्र पर्व पर प्रतिदिन रात्रि 08 बजे 108 घृत दीपों से माँ भगवती की महा आरती होगी एवं सहस्त्रार्चन के साथ विशेष पूजन का क्रम अनवरत चलता रहेगा। इस अवसर पर जस, भजन और विविध धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है। नवरात्र पर्व पर ज्योत कलश प्रज्ज्वलित करने और अन्य सहयोग के लिये मंदिर पहुँच कर संपर्क किया जा सकता है। सभी भक्तों से अधिक से अधिक संख्या में मातृधाम पहुँचकर माँ भगवती के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करने की अपील उनके द्वारा की गयी है।