(संतोष बर्मन)
घंसौर (साई)। जैन धर्म के 24 तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म लगभग ढाई हजार साल पहले ईशा से (599 वर्ष पूर्व) वैशाली के गणतंत्र राज्य कुण्डलपुर में महाराज सिद्धार्थ और माता त्रिशला देवी के यहाँ चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को हुआ।
भगवान महावीर अहिंसा के प्रवर्तक थे और उन्होंने जियो और जीने दो का संदेश दिया। जैन समाज के द्वारा महावीर स्वामी के जन्म दिवस को महावीर जयंति के रूप में संपूर्ण विश्व में मनाया जाता है। उसी कड़ी में सकल दिगंबर जैन समाज घंसौर के द्वारा भगवान महावीर जयंति का जन्म उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
इस अवसर पर सुबह छः बजे प्रभात फेरी निकाली गयी। साढ़े 07 बजे दोनों ही जिनालय में भगवान महावीर का अभिषेक शांतिधारा पूजन तथा विधान का आयोजन किया गया। दोपहर तीन बजे श्रीपार्श्वनाथ जिनालय से भगवान महावीर के जयकारों के साथ श्रीजी की शोभा यात्रा प्रारंभ हुई।
यह शोभा यात्रा घंसौर के प्रमुख मार्गाें से होती हुई पुनः पार्श्वनाथ जिनालय पहुँची। अपने – अपने घरों के सामने श्रद्धालुजनों द्वारा रंगोली डालकर श्रीजी के विमान का स्वागत किया गया और परिवार के सदस्यों के द्वारा श्रीजी की आरती की गयी। बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबियों महिलाओं के साथ ही साथ अन्य श्रद्धालु भी श्रीजी की यात्रा में शामिल हुए।
श्रीजी की शोभायात्रा का समापन पार्श्वनाथ जिनालय में हुआ। तदोपरांत श्रीजी का अभिषेक पूजन किया गया। महावीर जिनालय में भी श्रीजी का पूजन अभिषेक किया गया। रात्रि में मंदिरजी में प्रवचन भजन आरती के साथ – साथ बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गयी।