. . . तो मच जाती तबाही!

 

 

अलह सुब्बह खोले गये दलसागर के गेट

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। भारी बारिश के चलते एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के भीमगढ़ बांध सहित जिले भर के बांध, जलाशय पानी से लबालब हो गये हैं। सिवनी का ऐतिहासिक दलसागर तालाब भी इससे अछूता नहीं रहा। रविवार 08 सितंबर और सोमवार 09 सितंबर की दरमियानी रात में दलसागर तालाब से पानी की निकासी के लिये आवश्यक प्रबंध किये गये।

पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि देर रात अपनी ड्यूटी पूरी कर एक पुलिस कर्मी अपने जब घर जा रहे थे उसी समय वे पोस्ट ऑफिस के पास लघुशंका के लिये रूके। उन्होंने दलसागर तालाब पर नज़र डाली तो उन्हें अहसास हुआ कि दलसागर तालाब में पानी का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ चुका है।

सूत्रों की मानें तो उनके द्वारा बस स्टैण्ड से भैरोगंज जाने वाले मार्ग पर जाकर दलसागर का मुआयना किया गया जिसके बाद उन्होंने पाया कि दलसागर तालाब में पानी इसकी पार से महज एक डेढ़ फीट ही नीचे था। जिस तरह की बारिश हो रही थी उससे तालाब का जल स्तर बढ़ने की आशंका के मद्दे नज़र उनके द्वारा इस बात की जानकारी पुलिस के उच्चाधिकारियों को दे दी गयी।

सूत्रों ने बताया कि इसके उपरांत इस मामले की जानकारी प्रशासन के अधिकारियों को दी गयी। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को जब मौके की गंभीरता का अहसास हुआ तब रात एक बजे, एक आपात बैठक का आयोजन किया गया और इस बात पर विचार किया गया कि अगर दलसागर से पानी की निकासी की जाती है तो कहाँ तक के रहवासी इससे प्रभावित होंगे।

सूत्रों ने बताया कि इसके उपरांत रात को चार बजे तक प्रभावित इलाके में निवास करने वाले लोगों को सुरक्षित निकालने की कवायद आरंभ की गयी। इसके बाद सुबह – सुबह दलसागर तालाब के गेट खोलने की कवायद आरंभ कर दी गयी लेकिन भारी मशक्कत के बाद ही दोपहर तक गेट खोले जा सके।

सूत्रों ने कहा कि अगर देर रात पुलिस कर्मी के द्वारा उच्चाधिकारियों का ध्यान दलसागर तालाब की ओर आकर्षित नहीं करवाया जाता तो किसी अनहोनी की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता था।