बायपास पर लगाये जायें पीपल, बरगद के पेड़!
(महेश रावलानी)
सिवनी (साई)। गर्मी और उमस ने लोगों को जमकर हलाकान कर रखा है। कभी – कभार हल्की फुल्की बूंदाबांदी के कारण शहर में कुछ समय उमस का वातावरण रहता है। वर्तमान में सुबह से ही भगवान भास्कर के तेवर बहुत तल्ख नज़र आने लगते हैं।
सोमवार 10 जून को सुबह से मौसम का मिजाज़ बहुत ही गर्म रहा। सुबह आठ बजे ही दोपहर का आभास हो रहा था। लोगों का कहना है कि अब तो पौ फटने के बाद सुबह की ठण्डी बयार कुछ देर ही नसीब होती है। इसके बाद तो लगने लगता है मानो दोपहर हो गयी हो।
भू अभिलेख से राकेश विश्वकर्मा ने सिवनी के तापमान के संबंध में अधिकृत जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार 10 जून की शाम को पिछले चौबीस घण्टों का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि दरअसल, न्यूनतम तापमान ज्यादा रहने से चौबीसों घण्टे गर्मी का अहसास हो रहा है।
सूत्रों ने बताया कि मौसम के पूर्वानुमान के हिसाब से मंगलवार 11 जून को दिन में अधिकतम तापमान भले ही 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहे पर मंगलवार को दिन में असहनीय गर्मी पड़ सकती है। मंगलवार को रात में भी न्यूनतम तापमान में इजाफे के संकेत सूत्रों ने दिये हैं।
सूत्रों ने कहा कि शहर के अंदर अगर छायादार वृक्षों को बारिश के पहले लगाने का काम वन अनुसंधान प्रभाग के जरिये करवा दिया जाता है तो आने वाले कुछ सालों में इसका अच्छा प्रतिसाद सामने आ सकता है। सूत्रों ने कहा कि नये और पुराने बायपास के दोनों और छायादार पेड़ लगाये जाने चाहिये।
सूत्रों ने यह भी कहा कि छिंदवाड़ा नाके के आगे नये बायपास पर बने जलेबी चौक (जहाँ से सिवनी के लिये प्रवेश और बाहर जाने के लिये स्लिप रोड बनी है) पर खाली स्थानों पर बरगद और पीपल के पेड़ अगर लगा दिये जायें तो राहगीरों के लिये ये पेड़ आने वाले दिनों में गर्मी के मौसम में आश्रय लेने का स्थान बन सकते हैं और इससे जिले में गर्मी के अहसास को भी कम किया जा सकता है।
इसके अलावा शहर के सरकारी प्रांगणों, पुलिस थानों सरकारी शालाओं के अलावा निजि शालाओं को भी बरसात के पहले छायादार पेड़ लगाने के लिये जिला प्रशासन को बकायदा प्रेरित करने के लिये अभियान चलाया जाना चाहिये। मिशन स्कूल, हिन्दी मेनबोर्ड, तिलक स्कूल, पॉलीटेक्निक कॉलेज, डिग्री कॉलेज सहित निजि शैक्षणिक संस्थानों में भी इस साल बरसात के पहले कम से कम दो-दो दर्जन छायादार या स्ट्रेट अशोक के पेड़ लगवाये जा सकते हैं। शहर के तालाबों के मुहानों पर भी वृक्षारोपण करने के लिये वन अनुसंधान प्रभाग को निर्देशित किया जा सकता है।

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