(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। अक्षय तृतीया पर बड़ी संख्या में विवाह होते हैं। कई बार ऐसा भी हुआ है कि नाबालिग का विवाह भी इस दौरान करवा दिया जाता है जबकि यह कानूनन अपराध है। इस अपराध को रोकने के लिये शासन – प्रशासन ने जिले की सभी परियोजना अंतर्गत कंट्रोल रूम बनाये और वहाँ कर्मियों की तैनाती की है।
सिवनी ब्लॉक के एक ग्राम में सूचना मिलने पर तहसीलदार के द्वारा मौके पर पहुँचकर दुल्हन की आयु की प्रमाणिकता के दस्तावेजों को जाँच की गयी जिसके बाद एक बालिका का विवाह तहसीलदार, थानेदार के द्वारा रूकवा दिया गया।
जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी अभिजीत पचौरी ने बताया कि सिवनी ब्लॉक के एक गाँव में बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर सिवनी तहसीलदार प्रभात मिश्रा, क्षेत्रीय थाना प्रभारी, परियोजना अधिकारी व तीनों विभाग का अमला मौके पर जा पहुँचा। बालिका की आयु 18 वर्ष से कम पाये जाने पर, उसके परिजनों को समझाईश दी गयी और लिखित में सहमति प्राप्त कर उसका बाल विवाह रूकवा दिया गया।
उन्होंने बताया कि जिले की सभी 11 परियोजना कार्यालय में एक-एक कंट्रोल रूम बनाये गये हैं। प्रत्येक में दो-दो कर्मी नियुक्त हैं। उन्होंने बताया कि जहाँ-कहीं से भी बाल विवाह की सूचना प्राप्त होती है, कंट्रोल रूम के द्वारा तत्काल इस पर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर टीम के साथ मौके पर पहुँचकर जानकारी ली जा रही है।
अक्षय तृतीया पर विशेष ध्यान देते हुए टीम एलर्ट है। छपारा परियोजना के एक गाँव में सूचना के बाद तहसीलदार, परियोजना अधिकारी, आरआई, पटवारी की टीम शादी वाले घर पर पहुँची थी, लेकिन दस्तावेजों की जाँच करने पर पता चला कि दूल्हा – दुल्हन बालिग हैं।
बाल विवाह पर सजा और जुर्माने का प्रावधान : अक्षय तृतीया व अन्य दिनों में बाल विवाहों की आशंकाओं के मद्देनजर जन सामान्य से विभागीय दलों के द्वारा जागरुक रहने की सलाह देते हुए कहा जा रहा है कि कि बाल विवाह को रोकना एवं इसे हतोत्साहित करना हर समझदार और कानून प्रिय व्यक्ति की जिम्मेदारी है।
बाल विवाह में सहयोग करने वाले व्यक्ति को सेवा प्रदाता मानते हुए, मामले के आरोपी पर बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत दो वर्ष के कारावास अथवा दो लाख रूपये तक का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। किसी भी प्रकार के बाल विवाह की सूचना होने पर जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी, परियोजना अधिकारी बाल विकास परियोजना, आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, पुलिस कंट्रोल रूम आदि में इसकी सूचना दी जा सकती है।
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