पुरानी थोक सब्जी मण्डी का उपयोग अन्य किसी कार्य के लिये नहीं होना चाहिए
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। सिवनी में अव्यवस्थित यातायात विभिन्न स्थानों पर जाम लगने का कारण बन रहा है। अव्यवस्थित यातायात के पीछे शहर में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था का न होना सबसे बड़े कारण के रूप में देखा जा रहा है। दिन के समय शहर के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में फुटपाथ ही गायब हो जाते हैं, ऐसे में पार्किंग की व्यवस्था लोग सड़क पर ही कर लेते हैं।
जिला मुख्यालय में पार्किंग की व्यवस्था न बन पाना एक बड़ी समस्या के रूप में उभर चुका है। लोगों का कहना है कि इस मामले में निपुण अधिकारियों की सिवनी में तैनाती न होने के कारण इस समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। यातायात पुलिस का काम सड़क पर यातायात की निरंतरता को बनाये रखना होता है लेकिन सिवनी में यह विभाग ऐसी व्यवस्था बनाने में असफल ही साबित हुआ है।
नागरिकों का कहना है कि शहर में महाराष्ट्र बैंक, सेन्ट्रल बैंक, यूनियन बैंक आदि ऐसी संस्थाएं हैं जिनके पास स्वयं की पर्याप्त पार्किंग नहीं है जिसके कारण यहाँ आने वाले लोग सड़क पर ही वाहन खड़े कर देते हैं। नागरिकों का कहना है कि इस बात की शिकायत कई बार यातायात विभाग में की जा चुकी है लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है।
यातायात विभाग के सूत्र बताते हैं कि अधिकारियों के द्वारा ऐसी संस्थाओं को पत्र लिखा जा चुका है जिनके पास पार्किंग नहीं है और जिनके कारण संपूर्ण क्षेत्र का यातायात बाधित होता है। वहीं लोगों का कहना है कि यदि यातायात विभाग के पत्र पर बैंक आदि संस्थाएं पार्किंग को लेकर गंभीर नहीं हैं तो यातायात विभाग के द्वारा इतना तो किया ही जा सकता है कि सड़क पर खड़े होने वाले वाहनों को उठा लिया जाये और चालानी कार्यवाही के बाद ही वाहन स्वामी को वाहन सौंपा जाये।
शहर के नागरिकों का कहना है कि महज कागजी खानापूर्ति करके अपने कर्त्तव्यों की इतिश्री नहीं की जाना चाहिये बल्कि जब तक पार्किंग में बाधक बन रहे वाहनों को जप्त करने जैसी कार्यवाही निरंतर नहीं की जायेगी तब तक जाम की समस्या से निकल पाना असंभव ही है। लोगों ने इस बात पर निराशा ही जतायी कि संबंधित विभाग अव्यवस्थित यातायात को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
अतिक्रमणों को न हटाये जाने को लेकर भी शहर के नागरिकों में निराशा है। अतिक्रमण कारियों ने कई स्थानों पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है लेकिन उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही करने का साहस प्रशासन नहीं कर पा रहा है। नगर पालिका के द्वारा कभी – कभी अतिक्रमण हटाओं अभियान अवश्य चलाया जाता है लेकिन उसमें भी मुँह देखी कार्यवाही किये जाने के कारण उक्त अभियान आरंभ होते ही दम तोड़ देता है। नागरिकों का कहना है कि अतिक्रमण हटाओ अभियान को सफल बनाने के लिये आवश्यक है कि उसमें मुँहदेखी कार्यवाही न करते हुए उन सभी अतिक्रमणों को हटाया जाना चाहिये जो नियम विरूद्ध कर लिये गये हैं।
जिला मुख्यालय में नगर पालिका से लेकर मंगलीपेठ वाले क्षेत्र में दिन के समय फुटपाथ ही अदृश्य हो जाते हैं जिसके कारण यहाँ पहुँचने वाले लोग सड़क पर ही अपने – अपने वाहन खड़े करके अपने कार्य निपटाने में लग जाते हैं। लोगों का कहना है कि उनका शौक नहीं है कि उनके द्वारा अपने वाहनों को सड़क पर असुरक्षित रूप से खड़ा किया जाये लेकिन इसके अलावा उनके पास अन्य कोई विकल्प भी नहीं रह जाता है।
जागरूक नागरिकों का कहना है कि अब तो बुधवारी क्षेत्र से थोक सब्जी मण्डी को भी स्थानांतरित कर दिया गया है जिसके लिये प्रशासन बधाई का पात्र है लेकिन थोक सब्जी मण्डी हटने के बाद भी पार्किंग की समस्या से छुटकारा नहीं पाया जा सका है। लोगों का कहना है कि थोक सब्जी मण्डी का जो स्थान रिक्त हुआ है उसका उपयोग पार्किंग के लिये क्यों नहीं किया जा रहा है, आखिर किस बात का इंतजार प्रशासन कर रहा है।
इसके साथ ही नागरिकों का यह भी कहना है कि यदि प्रशासन के द्वारा समय रहते पुरानी थोक सब्जी मण्डी के रिक्त पड़े स्थान का उपयोग पार्किंग के लिये किया जाना आरंभ कर दिया जाता है तो इसे उस स्थान का सदुपयोग ही कहा जायेगा। यदि उक्त स्थल को अन्य किसी उपयोग में लाया जाता है तो इससे बेहतर पार्किंग की स्थान प्रशासन को शहर में ही नहीं मिल पायेगी और यह समस्या जस के तस बनी रह जायेगी।
लोगों ने सलाह देते हुए बताया कि यदि पुरानी थोक सब्जी मण्डी के रिक्त पड़े स्थान पर यदि नगर पालिका के द्वारा वाहन स्टैण्ड बनाया जाकर यहाँ पार्क होने वाले वाहनों से यदि शुल्क वसूल किया जाता है तो इससे नगर पालिका की आमदनी तो बढ़ेगी साथ ही साथ बुधवारी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में पार्किंग जैसी समस्या का भी हल निकल जायेगा।
प्रशासन की बेरूखी के कारण आलम यह है कि बुधवारी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में त्यौहारों के समय में 100 मीटर का रास्ता तय करने में भी 15 से 20 मिनिट का समय लगना आम बात हो जाती है जिसके कारण लोगों का समय तो जाया होता ही है साथ ही वाहनों के ईंधन की खपत भी बेवजह बढ़ जाती है। नागरिक, नगर पालिका सहित यातायात जैसे संबंधित विभागों से लगातार अपेक्षा कर रहे हैं कि उनके द्वारा जाम से निपटने के लिये कोई ठोस योजना अविलंब बनायी जायेगी।
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