आचार संहिता का असर शादी विवाह पर भी!

बारात, संगीत आदि के लिये जरूरी है अनुमति लेना!

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। लोकसभा चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता के घेरे में सात फेरे लेने वाले दूल्हा दुल्हन भी आ रहे हैं। बारात निकालने से लेकर संगीत बजाने तक के लिये परिवार वालों को प्रशासन से अनुमति लेना पड़ रही है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और तहसील कार्यालय में रोजाना आठ से दस आवेदन ऐसी अनुमति के लिये आ रहे हैं।

आदर्श आचार संहिता ने इन दिनों राजनीतिक पार्टियों के साथ ही वैवाहिक आयोजन करने वालों तक की नींद उड़ा रखी है। विवाह के लिये परिसर और बैण्ड बाजे बुक करने से पहले दूल्हा और दुल्हन के परिजन एसडीओ रेवन्यू और तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने के लिये मजबूर हो रहे हैं।

आलम यह है कि कोई शादी का कार्ड देकर साउंड सिस्टम लगाने की अनुमति माँग रहा है, तो कोई बारात निकालने का समय माँग रहा है। सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एसडीओ कार्यालय में अब तक दर्जनों ऐसे आवेदन आ चुके हैं, जिनमें वैवाहिक आयोजन के दौरान महिला संगीत और साउंड सिस्टम लगाने की अनुमति माँगी गयी है।

आवेदनों के साथ आईडी प्रूफ और विवाह पत्रिका भी संलग्न करना पड़ रही है। बताया गया है कि आवेदन देने के बाद कार्यालय से दूसरी प्रतिलिपि पर सील लगने के बाद ही अनुमति मान्य समझी जायेगी। लोगों को विवाह की तैयारियों से पहले आचार संहिता के नियमों का पालन करना पड़ रहा है। विवाह में साउंड सिस्टम लगाने के लिये आवेदन देना आवश्यक है। इसके साथ ही रात 10 बजे तक साउंड सिस्टम बजाने की अनुमति मिलती है।

इसलिये अनुमति लेना है जरूरी : आदर्श आचार संहिता के चलते जिले की सीमा में किसी व्यक्ति या लोगों के सूमह द्वारा सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना सभा रैली या जुलूस निकालने पर रोक लगी है। शादी में वर पक्ष द्वारा निकाली जाने वाली बारात भी इस दायरे में आती है। यही कारण है कि विवाह से पहले इसकी अनुमति लेना आवश्यक है।

शासन के आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धाराओं में कार्यवाही की जा सकती है। इसी तरह लाउड स्पीकर और साउंड सिस्टम का प्रयोग बिना प्रशासनिक अनुमति के नहीं किया जा सकता है। डीजे पर प्रतिबंध के कारण अनुमति नहीं दी जायेगी। रात 10 बजे से सुबह आठ बजे तक साउंड सिस्टम बजाने पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है।

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