दीवानमहल की रहस्यमय बावड़ी!

 

 

सिवनी में पदस्थ रहे जिला पुलिस अधीक्षक हरि शंकर सोनी की फेसबुक वाल से

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। अस्सी के दशक में सिवनी में पदस्थ रहे जिला पुलिस अधीक्षक हरि शंकर सोनी वर्तमान में भोपाल में निवासरत हैं। उनके द्वारा सिवनी तैनाती के दौरान घटे वाकयात और संस्मरणों को सोशल मीडिया फेसबुक पर साझा करना आरंभ किया गया है। हमारी कोशिश है कि उन्हें उसी स्वरूप में पाठकों तक पहुँचायें।

शुक्रवारी चौक के पास ही एक दीवानखाना था जो एक भूमिगत किला नुमा था जिसमें समायी थी एक रहस्यमय बावड़ी, जिसके डरावने तिलिस्म से पुरानी पीढ़ी भली भांति अवगत थी। बावजूद इसके उक्त बावड़ी नव युवकों के लिये कौतूहल का विषय रही आयी, क्योंकि समय – समय पर कुछ जाने अनजाने रहस्य तब भी वहाँ उजागार होते रहते थे। बाहर से आने वाली मुस्लिम जमातें अक्सर वहीं रुका करती थीं।

मेरी सिवनी पोस्टिंग के दौरान ही वहाँ शुक्रवारी में बनी पुलिस चौकी (वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस का कार्यालय) में बैठकर मैं अक्सर लोगों से जन संवाद किया करता था, जहाँ बातों ही बातों में सिवनी जिले के हर कोने की अच्छी बुरी बातों की जानकारी मुझे मिल जाय करती थी। इससे जिले के क्राईम रेट को कम करने में मुझे काफी मदद मिलती थी।

शुक्रवारी से जुड़ी हुई एक और मजेदार बात आपसे साझा करना चाहूंगा। शुक्रवारी में एक दुर्गा चौक हुआ करता है। दुर्गा चौक नाम पड़ने की वजह थी वहाँ दुर्गाेत्सव पर सिवनी की सबसे आकर्षक दुर्गा माँ की प्रतिमा को वर्षों से वहाँ बैठाया जाना। उन्हीं दिनों रेडियो में अविभाजित सोवियत यूनियन के प्रेसिडेंट मिखाइल गोर्बाचोव के बड़े चर्चे हुआ करते थे।

चूँकि उनका नाम उच्चारण करने में कुछ अटपटा प्रतीत होता था अतः सिवनी वासियों ने उन्हें मिखाइल दुर्गाचौक कहना प्रारंभ कर दिया। मजे की बात यह कि शीघ्र ही यह बात भी आग की तरह फैल गयी कि भाई रूस में भी अपनी सिवनी के जैसा दुर्गा चौक है और उन्ही के नाम पर मिखाइल भाई ने अपना नाम मिखाईल दुर्गाचौक रख छोड़ा है।