देर रात तक डरा रहीं हैं श्वानों की आवाजें!

 

 

भाजपा शासित पालिका को नहीं नागरिकों की चिंता

(सादिक खान)

सिवनी (साई)। इन दिनों शहर के अनेक हिस्सों में दर्जन भर से ज्यादा हिंसक कुत्तों की टोलियों से नागरिक बेहद परेशान हैं और चुनी हुई नगर पालिका परिषद किसी अन्य जरूरी काम में उलझी दिख रही है। खूंखार कुत्तों से छोटे – छोटे बच्चे बुरी तरह खौफज़दा ही नज़र आ रहे हैं।

जानकारों का कहना है कि कुत्तों के प्रजनन के मौसम में कुत्ते अक्सर टोलियां बनाकर ही घूमा करते हैं। इनमें से सबसे ताकतवर श्वान इस टोली का नेत्तृत्व करता है। इस टोली में एक मादा श्वान भी होती है, जिसको पाने के लिये कुत्तों में जमकर संघर्ष होता है। इस दौरान श्वान बेहद खतरनाक आवाजें भी निकालते नज़र आते हैं।

शहर के अनेक स्थानों पर आवारा कुत्तों के द्वारा लोगों के पीछे दौड़कर उन्हें डराया जा रहा है। दिन हो या रात, ये डरावने कुत्ते शहर के हर गली मोहल्लों में दिखायी पड़ जाते हैं। रात ढलते ही इन आवारा खूंखार कुत्तों के द्वारा तरह – तरह की आवाजें निकालते हुए एक दूसरे पर हमला भी किया जाता है। इस हमले में अगर बीच में कोई बच्चा या व्यस्क इंसान फंस जाये तो उसका बचना बेहद मुश्किल ही होता है।

रात को सुनसान सड़कों पर इन श्वानों की टोलियों की धमाचौकड़ी देखते ही बनती है। देर रात आने – जाने वाले साईकिल और बाईक सवारों के पीछे ये श्वान दौड़ लगाते सहज ही देखे जा सकते हैं। इनसे बचने के लिये अनेक सवार गिरकर घायल भी हो चुके हैं। यह सब कुछ हो रहा है और पालिका हाथ पर हाथ रखे निर्माण कार्यों के गुणा भाग में ही लगी दिख रही है।

पालिका के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नगर पालिका के पास कुत्तों को पकड़ने के लिये एक विशेष ट्रॉली भी है। पार्षद अगर साधारण सभा या अन्य बैठकों में परिषद से यह सवाल कर लें कि पालिका की श्वान पकड़ने की ट्रॉली का कब-कब प्रयोग किया गया है, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि यह ट्रॉली अब जंग खाकर कबाड़ में तब्दील हो चुकी है।

यहाँ उल्लेखनीय होगा कि पूर्व में बरघाट नाके में महज डेढ़ साल के एक दुधमुँहे बच्चे को आवारा कुत्ते ने काट लिया था और उसकी मृत्यु हो गयी थी। उक्त बच्चे के पालकों के द्वारा डूण्डा सिवनी थाने में मामला दर्ज करवाकर पालिका के खिलाफ कार्यवाही करने की माँग भी की गयी थी। इसके बाद भी पालिका के द्वारा शहर से आवारा कुत्तों को हटाने की दिशा में किसी तरह की पहल अब तक आरंभ नहीं की गयी।