उड़ने लगे फोरलेन के धुर्रे . . . 02
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। खवासा से सिवनी होकर नरसिंहपुर तक के फोरलेन के हिस्से में जगह – जगह हुए गड्ढों पर वाहन चलाना लोगों के लिये दुश्वारी से कम नहीं है। सड़क के हिस्से वैसे तो बारिश के पहले ही खराब हो चुके थे, पर अब सिवनी में हो रही बारिश के चलते सड़क खराब होने का ताना बाना बुना जा रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जब सिवनी में फोरलेन बनाये जाने का काम आरंभ हुआ था उस समय एनएचएआई के परियोजना निदेशक (पीडी) का कार्यालय सिवनी में हुआ करता था, जिसे बाद में षड्यंत्रों के तहत सिवनी से हटाकर नरसिंहपुर स्थानांतरित करवा दिया गया था। अब सिवनी की सड़कें छिंदवाड़ा स्थित पीडी के अधीन आती हैं।
सूत्रों ने आगे बताया कि सिवनी जिले की सीमा में अब तक तीन ठेकेदारों के द्वारा फोरलेन का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा चौथे ठेकेदार के द्वारा मोहगाँव से खवासा के बीच के हिस्से का निर्माण कराया जा रहा है। अब तक बनी सड़क में सबसे खराब गुणवत्ता वाली सड़क छपारा से गणेशगंज के बीच वाले हिस्से की है।
सूत्रों ने बताया कि सिवनी से होकर गुजरने वाले बने हुए फोरलेन के छपारा से गणेशगंज के हिस्से को छोड़कर शेष भाग में इस साल (2019 में) ठेकेदार को ओवरले (डामर की सतह बिछाने का काम) कराया जाना चाहिये था। 2019 में नौ माह बीत गये हैं किन्तु अब तक ठेकेदारों के द्वारा इस काम को आरंभ भी नहीं कराया गया है।
वहीं, जानकारों का कहना है कि एक बारिश में सड़क इस तरह की स्थिति को नहीं पा सकती है। जानकारों की मानें तो ठेकेदार के द्वारा सड़क के संधारण में बरती गयी लापरवाही का ही नतीजा है कि सड़क के कुछ हिस्सों में गड्ढे हो गये हैं। अगर सड़क का संधारण उचित तरीके से किया जाता तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।
जानकारों की मानें तो सड़क में जैसे ही गड्ढे होना आरंभ हुआ था उस समय ठेकेदार की हाईवे पेट्रोलिंग वाहन और अन्य तकनीकि अमले के द्वारा क्यों मौन साधे रखा गया! इससे यही लग रहा है कि इस सड़क का निर्माण करने वाली मीनाक्षी कंस्ट्रक्शन कंपनी के तकनीकि अमले के द्वारा इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि मोहगाँव से सिवनी, छपारा लखनादौन होते हुए नरसिंहपुर सीमा तक के हिस्से में इस कदर गड्ढे हो चुके हैं कि वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों ने कहा कि जिले के दोनों सांसद अगर अपने – अपने स्तर पर ईमानदारी से प्रयास करें तो सिवनी से नरसिंहपुर गया पीडी कार्यालय एक बार फिर सिवनी में वापस आ सकता है, जिससे सड़क निर्माण और संधारण में गुणवत्ता का ध्यान रखा जा सकता है।