(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के अवसर पर उपभोक्ताओ को उनके अधिकारो के प्रति जागृत करने के उद्देश्य से अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन की ओर से सप्त दिवसीय कार्यक्रम जागो ग्राहक जागो का श्रीगणेश संगठन के महासचिव पं.रविकान्त पाण्डेय के नेत्तृत्व मंे किया गया।
इस दौरान लोगों को उनके अधिकार से संबंधित जानकारी दी गयी। पर्चे हंेडबिल आदि प्रचार सामग्री का भी वितरण किया गया। वहीं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोशण फोरम सिवनी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया।
संगठन के मीडिया प्रभारी प्रेम शंकर वर्मा द्वारा जारी विज्ञप्ति मंे रविकान्त पाण्डेय ने कहा गया है कि आईये सतर्क होकर हम अपने अधिकारों की रक्षा करंे तथा एक जागरूक समाज का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि अपने हक को समझंे, बनें जागरूक उपभोक्ता। श्री पाण्डेय ने कहा कि आज पूरी दुनिया अंर्तराष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मना रही है।
हर साल 15 मार्च को इंटरनेशनल कंज्यूमर डे मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है दुनिया भर के उपभोक्ताओं को कंज्यूमर राईट्स के प्रति जागरुक और सजग बनाना। यही कारण है इंटरनेशनल कंज्यूमर डे के मौके पर तमाम कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं ताकि उपभोक्ता जागरूक हो और किसी भी तरह की धोखाधड़ी में न फंसे। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है उपभोक्ताओं को कंज्यूमर राईट एक्टस के बारे में पूरी जानकारी देना।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के संबंध मंे संजय मिश्रा ने बताया कि दरअसल, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,1986 उपभोक्ताओं को वो अधिकार देता है जो उन्हंे किसी तरह की जालसाज़ी या धोखाधड़ी से बचा सके। भारतीय संविधान की धारा 14 से 19 बीच ये अधिकार उपलब्ध कराता है। संगठन के कोशाध्यक्ष गोविंदा कुशवाहा सचिव सुमित चौबे, विनोद सनोडिया, संकेत अवधिया ने प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को उपभोक्ताओं के अधिकारों के संबंध में जानकारी देते हुए मुख्य 06 अधिकारों के संबंध में बताया।
सुरक्षा का अधिकार : उपभोक्ताओं के अधिकारों में सबसे पहले आता है सुरक्षा का अधिकार जिसका मतलब होता है वस्तुओं और सेवाओं के विपणन के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करना। इसके लिये गुणवत्ता चिन्ह निर्धारित किये गये हैं जैसे आईएसआई, एग मार्क इत्यादि। ये चिन्ह किसी भी उत्पाद की गुणवत्ता की गारंटी देते हैं।
सूचना पाने का अधिकार : दूसरा है सूचना का अधिकार जिसका मतलब है कि उपभोक्ता को किसी भी वस्तु की मात्रा, गुणवत्ता, शक्ति, शुद्धता, स्तर और मूल्य के बारे में जानकारी पाने का पूरा अधिकार है। विक्रेता इससे इंकार नहीं कर सकता है।
चयन का अधिकार : तीसरा है चुनने का अधिकार। यानि उपभोक्ता को पूरा अधिकार है कि वो किसी भी पदार्थ के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हों और उसके बाद अपने विवेक से उसे चुन सकंे। यानि उपभोक्ता को पूरी छूट है कि वो वही खरीदंे जो वो खरीदना चाहता है।
सुनवायी का अधिकार : चौथा है सुनवायी का अधिकार। इसका मतलब है कि अगर उपभोक्ता को किसी भी उत्पाद या पदार्थ से परेशानी है तो उसकी बातो को ध्यान से सुना जाये।
विवाद सुलझाने का अधिकार : विवाद सुलझाने का अधिकार भी उपभोक्ता को प्राप्त है। इसका मतलब होता है उपभोक्ता की शिकायतों का उचित निपटारा जल्द से जल्द हो।
उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार : इसका अर्थ है कि उपभोक्ता को ये अधिकार है कि वो उपभोक्ता संरक्षण से जुड़ी हर जानकारी अर्जित कर सकता है, ताकि शोषण से बच सकें।
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