कर्मचारियों को कौन करेगा पदमुक्त!

 

 

शिकायतकर्त्ताओं का किया सहायक आयुक्त ने तबादला!

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। आश्रम अधीक्षिका के पति पर जिन महिला कर्मचारियों के द्वारा संगीन आरोप लगाये गये थे, उस आश्रम अधीक्षिका के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय सहायक आयुक्त ने शिकायत कर्त्ता महिला कर्मचारियों को पहले शो कॉज नोटिस दिया और फिर उनका तबादला ही उस आश्रम से कर दिया गया।

जनजाति कार्य विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि बारापत्थर में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पास स्थित आदिवासी अंग्रेजी माध्यम कन्या आश्रम की दो महिला कर्मचारियों के द्वारा आश्रम अधीक्षिका के पति के द्वारा की जाने वाली आपत्ति जनक हरकतों के बारे में जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त को मौखिक शिकायत की गयी थी।

सूत्रों ने बताया कि शिकायत की जाँच की बजाय सहायक आयुक्त के द्वारा महिला कर्मचारियों को पहले तो कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, उसके बाद उनका तबादला उस आश्रम से अन्यत्र कर दिया गया। सूत्रों ने सहायक आयुक्त की इस कार्यप्रणाली पर आश्चर्य भी व्यक्त किया है।

सूत्रों ने आगे बताया कि सहायक आयुक्त कार्यालय के द्वारा 08 जनवरी को जारी आदेश के तहत इस आश्रम में पदस्थ स्थायी कर्मी श्रीमती रामकली बरकड़े को सीनियर आदिवासी बाल छात्रावास में श्रीमती अनुसुईया बघेल को शासकीय जूनियर अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास क्रमाँक दो में पदस्थ किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि आदेश शायद किसी के दबाव में आनन फानन ही किये गये हैं। इसका कारण यह है कि इस आदेश में शासकीय कन्या शाला के प्रधान पाठक (जिनके अधीन उक्त आश्रम आता है) को इस आदेश की प्रति भेजना ही मुनासिब नहीं समझा गया है। अब समस्या यह आन खड़ी हुई है कि जब प्रधान पाठक कार्यालय को इस आदेश की प्रति ही नहीं मिली है तो प्रधान पाठक कार्यलय के द्वारा इन दोनों महिला कर्मचारियों को पदमुक्त आखिर किस आधार पर किया जाये!

(क्रमशः जारी)