हुस्न और तेज दिमाग का संगम भी माताहारी

जासूसी की दुनिया में हमेशा मर्दों का नाम ही आगे रहा है। इस पेशे में महिला जासूसों को कम ही देखा और सुना गया हैलेकिन इतिहास में कुछ महिलाओं ने इस पेशे में अपने समय में मर्दों को भी पीछे छोड़ दिया था। ऐसी ही एक महिला जासूस थीमाता हारी।

दुनिया में महिला जासूसों का जब भी जिक्र किया जाता हैतो माता हारी का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है।

माता हारी का जन्म 1876 में नीदरलैंड में हुआ था। इनकी आगे की परवरिश पेरिस में हुई। इस महिला जासूस का असली नाम गेरत्रुद मार्गरेट जेले था। माता हारी जासूस होने के साथ-साथ एक बेहतरीन डांसर भी थीं।

भारतीय नृत्य में थी माहिर

माता हारी भारतीय नृत्य कला में पारंगत थीं। अपने डांस के दौरान वो काफी उत्तेजक कलाओं का प्रदर्शन किया करती थींजिस वजह से वो मर्दों में काफी मशहूर थीं।

अनेक देशों के प्रमुख सेना अधिकारियों से उसके नजदीकी सम्बन्ध थे। डांस की आड़ में यह शातिर महिला अपने जासूसी के कामों को अंजाम दिया करती थी। जासूसी करते समय अगर उन्हें किसी से शारीरिक सम्बन्ध भी बनाने पड़तेतो वो सहजता से इस काम को करने में कोई गुरेज नहीं करती थी।

पति था एक सेना अधिकारी

हारी का पति नीदरलैंड की शाही सेना में थाजिसे इंडोनेशिया में ड्यूटी पर तैनात किया गया था। हारी से वो उम्र में काफी बड़ा था। इंडोनेशिया में ही हारी ने एक डांस ग्रुप जॉइन किया था। यहीं आकर उन्होंने अपना नाम बदल कर माता हारी कर लिया था।

मलय भाषा में माता हारी का मतलब होता हैदिन की आंख (सूर्य)। नीदरलैंड में कुछ समय बिताने के बाद उन्होंने अपने पति को तलाक दे दिया था। उसके बाद वो पेरिस में जाकर एक पेशेवर डांसर के रूप में काम करने लगीं।

जर्मनी के लिए जासूसी के आरोप में मिली थी मौत

प्रथम विश्व युद्ध के समय माता हारी ने अनेक यूरोपियन देशों की यात्राएं की। इसी दौरान स्पेन जाते समय इंग्लैंड के फालमाउथ बन्दरगाह पर ब्रिटिश खुफिया एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फ्रांस और ब्रिटेन की जासूसी एजेंसियों को शक था कि वो जर्मनी के लिए जासूसी करती हैं। इस बात के पुख्ता सबूत न होने के बावजूद उन पर डबल एजेंट होने के आरोप लगा कर फ्रांस के फायरिंग स्क्वैड ने उनको गोलियों से भुन कर मौत के घाट उतार दिया था।

दर्दनाक मौत मिलने के बावजूद इस महिला जासूस का नाम आज भी जासूसी की दुनिया में बड़े फक्र से लिया जाता है।

(साई फीचर्स)