आईआरईडीए ने अब तक का सबसे अधिक वार्षिक शुद्ध लाभ दर्ज किया

एनपीए 1 प्रतिशत से नीचे रहा और बैंकिंग-एनबीएफसी क्षेत्र में सबसे तेज़ परिणामों के साथ बेंचमार्क स्थापित किया

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। देश की सबसे बड़ी प्योर-प्ले ग्रीन फाइनेंसिंग एनबीएफसी, भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (आईआरईडीए) ने टैक्स के बाद अब तक का सबसे अधिक 1252.23 करोड़ रुपये का वार्षिक लाभ (पीएटी) हासिल किया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में 44.83 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि को दर्शाता है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में अपने नेट नॉन परफॉर्मिंग असेट्स (एनपीए) को सफलतापूर्वक 0.99 प्रतिशत तक कम कर दिया है, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1.66 प्रतिशत था, जो साल-दर-साल 40.52 प्रतिशत की महत्वपूर्ण कमी दर्शाती है।

आईआरईडीए की लोन बुक 26.81 प्रतिशत से बढ़ी है। 31 मार्च, 2023 को 47,052.52 करोड़ रुपये से 31 मार्च, 2024 तक 59,698.11 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 37,353.68 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत करके सर्वकालिक उच्च वार्षिक ऋण मंजूरी हासिल की है और 25,089.04 करोड़ रुपये का संवितरण किया है। ऋण स्वीकृति और संवितरण में क्रमशः 14.63 प्रतिशत और 15.94 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वर्ष ऋण स्वीकृति 32,586.60 करोड़ रुपये और संवितरण 21,639.21 करोड़ रुपये का था। यह कंपनी के इतिहास में सबसे अधिक वार्षिक ऋण वितरण और स्वीकृति का प्रतीक है।

कंपनी की नेट वर्थ 44.22 प्रतिशत बढ़कर 31 मार्च 2023 को समाप्त वर्ष के लिए 5,935.17 करोड़ रुपये के मुकाबले 31 मार्च, 2024 को 8,559.43 करोड़ रुपये हुई है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अभूतपूर्व ऑडिटिंग के बाद वित्तीय परिणामों की घोषणा के अवसर पर, आईआरईडीए के निदेशक मंडल ने 19 अप्रैल, 2024 को कंपनी के पंजीकृत कार्यालय में आयोजित एक बैठक में कंपनी के असाधारण प्रदर्शन और निरंतर विकास की सराहना की।

वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वार्षिक वित्तीय मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

  • कर पूर्व लाभ: 1,139.25 करोड़ रुपये के मुकाबले 1,685.24 करोड़ रुपये का लाभ (47.93 प्रतिशत अधिक)
  • कर पश्चात लाभ: 864.63 करोड़ रुपये के मुकाबले 1,252.23 करोड़ रुपये का लाभ (44.83 प्रतिशत अधिक)
  • ऋण स्वीकृति: 32,586.60 करोड़ रुपये के मुकाबले 37,353.68 करोड़ का (14.63 प्रतिशत अधिक)
  • ऋण संवितरण: 21,639.21 करोड़ के मुकाबले 25,089.04 करोड़ रुपये (15.94 प्रतिशत अधिक)
  • लोन बुक: 47,052.52 करोड़ रुपये की तुलना में 59,698.11 करोड़ रुपये (26.81 प्रतिशत अधिक)
  • नेट वर्थ: 5,935.17 करोड़ रुपये के मुकाबले 8,559.43 करोड़ रुपये (44.22 प्रतिशत अधिक)
  • नेट एनपीए: 1.66 प्रतिशत के मुकाबले 0.99 प्रतिशत (प्रतिशत के संदर्भ में 40.52 प्रतिशत की कमी)

वित्तीय वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए मुख्य वित्तीय विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • कर पूर्व लाभ: 288.38 करोड़ रुपये के मुकाबले 479.67 करोड़ रुपये (66.33 प्रतिशत अधिक)
  • कर पश्चात लाभ: 253.62 करोड़ रुपये के मुकाबले 337.38 करोड़ रुपये (33.03 प्रतिशत अधिक)
  • ऋण स्वीकृति: 11,796.95 करोड़ रुपये के मुकाबले 23,407.57 करोड़ रुपये (98.42 प्रतिशत अधिक)
  • ऋण संवितरण: 11,291.09 करोड़ रुपये के मुकाबले 12,869.35 करोड़ रुपये (13.98 प्रतिशत अधिक)
  • लोन बुक: 47,052.52 करोड़ रुपये की तुलना में 59,698.11 करोड़ रुपये (26.81 प्रतिशत अधिक)
  • नेट वर्थ: 5,935.17 करोड़ रुपये की तुलना में 8,559.43 करोड़ रुपये (44.22 प्रतिशत अधिक)

 नेट एनपीए: 1.66 प्रतिशत के मुकाबले 0.99 प्रतिशत (40.52 प्रतिशत की कमी, प्रतिशत के संदर्भ में)

उल्लेखनीय वित्तीय परिणामों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए,  आईआरईडीए के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार दास ने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को अपनाने में तेजी लाने के लिए आईआरईडीए की दृढ़ प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जो निवेशकों और हितधारकों के लिए एक आशाजनक प्रगति का संकेत देता है।

सीएमडी, आईआरईडीए ने कंपनी की वृद्धि का श्रेय अपने हितधारकों के दृढ़ विश्वास और सहयोग को दिया, जबकि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और निदेशक मंडल का उनके अपरिहार्य समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने टीम आईआरईडीए की उनके समर्पण और लगातार प्रयासों के लिए भी सराहना की, जिसने उत्कृष्ट वित्तीय प्रदर्शन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

विशेष रूप से, आईआरईडीए ने केवल 19 दिनों के भीतर अपने वार्षिक ऑडिटेड वित्तीय परिणाम प्रकाशित करके एक नया मानदंड स्थापित किया है, जो बैंकिंग और एनबीएफसी क्षेत्र में ऑडिटेड परिणामों का सबसे त्वरित प्रकाशन है, जिसने सेबी की 60-दिन की समय सीमा को पीछे छोड़ दिया है। यह उपलब्धि पिछले साल 25 दिनों के भीतर परिणाम प्रकाशित करने के रिकॉर्ड के बाद संभव हुई है।