नैनपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा होकर संचालित हो सकती हैं अनेक सवारियां रेलगाड़ियां . . .

नागपुर से इटारसी होकर जबलपुर जाने वाली सवारी रेलगाड़ियों को छिंदवाड़ा, सिवनी के रास्ते जबलपुर ले जाने पर हो रहा विचार!
(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी के आरंभ के साथ ही अब रेल सुविधाओं के मामले में छिंदवाड़ा, सिवनी और मण्डला जिले का रीता कलश भरने की उम्मीद जागी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के निर्देश पर रेलवे बोर्ड ने इस दिशा में कवायद आरंभ कर दी है।
उक्ताशय की बात रेलवे बोर्ड के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कही। सूत्रों का कहना था कि पिछली बार केंद्र सरकार के कार्यकाल में स्थानीय सांसदों की कथित उपेक्षा का दंश मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, सिवनी और मण्डला जिले के निवासियों को भोगने पर मजबूर होना पड़ा था।
सूत्रों का कहना था कि कुछ लोगों के दबाव के चलते छिंदवाड़ा, सिवनी होकर अनेक सवारी रेलगाड़ियों का परिचालन चाहकर भी अधिकारी करने में अपने आप को अक्षम मान रहे थे। सूत्रों ने 2023 के जुलाई माह में ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि 2024 में नई सरकार के गठन के उपरांत अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो इस साल जून अथवा जुलाई माह से सिवनी, मण्डला, छिंदवाड़ा जिलों को रेल सुविधाओं के मामले में समृद्ध करने का प्रयास आरंभ हो जाएगा।
उधर, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि खतो खिताब को ही अपना मूल कर्तव्य मानने वालों के हाशिए में आने के उपरांत रेल मंत्री के द्वारा रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को ब्रहस्पतिवार 27 जून को इस आशय के निर्देश दिए हैं कि नागपुर और जबलपुर के बीच की दूरी जब छिंदवाड़ा, सिवनी, नैनपुर के रास्ते कम है तब रेलगाड़ियों को नागपुर इटारसी होकर जबलपुर के बीच क्यों चलाया जा रहा है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि छिंदवाड़ा के नवनिर्वाचित सांसद विवेक बंटी साहू के द्वारा रेलमंत्री से गत दिवस भेंट के दौरान उपरोक्त बातों को वजनदारी से रखते हुए बताया कि नागपुर से इटारसी के बीच के रेलमार्ग की दूरी 246 किलोमीटर और इटारसी से जबलपुर के बीच की दूरी 297 किलो मीटर इस तरह नागपुर से इटारसी होकर जबलपुर की दूरी 543 किलोमीटर है। जबकि नागपुर से छिंदवाड़ा 152 किलो मीटर, छिंदवाड़ा से सिवनी होकर नैनपुर 139 किलोमीटर और नैनपुर से जबलपुर के बीच की दूरी 123 किलो मीटर इस तरह नागपुर से छिंदवाड़ा, सिवनी, नैनपुर होकर जबलपुर की दूरी 414 किलोमीटर होती है।
सूत्रों ने आगे कहा कि छिंदवाड़ा के नवनिर्वाचित सांसद विवेक बंटी साहू ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को यह भी बताया कि नागपुर से इटारसी के रेलखण्ड में यातायात बहुत ज्यादा है जबकि नागपुर से छिंदवाड़ा, नैनपुर होकर जबलपुर का रेलखण्ड लगभग खाली ही रहता है। इसके अलावा जबलपुर से नागपुर के बीच इटारसी होकर लंबाई 543 किलो मीटर है तो यही दूरी नैनपुर छिंदवाड़ा होकर 414 किलो मीटर है। इस तरह अगर नैनपुर, छिंदवाड़ा मार्ग का उपयोग किया जाता है तो न केवल इटारसी नागपुर के रेलखण्ड में यातायात का दबाव कम किया जा सकता है वरन दूरी को भी 139 किलोमीटर कम किया जा सकता है।
रेलवे बोर्ड के सूत्रों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में नागपुर से मुंबई चलने वाली 12289/12290 दुरंतो एक्सप्रेस का परिचालन नागपुर से बढ़ाकर छिंदवाड़ा किया जा सकता है। बालाघाट की सांसद भारती पारधी अगर प्रयास करती हैं तो इस रेलगाड़ी को सिवनी तक बढ़ाया जा सकता है।
सूत्रों ने यह भी संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में 03241/03242 सिकंदराबाद से पटना के बीच, 02159/02160 जबलपुर से नागपुर के बीच, 22683/22684 यशवंतपुर से लखनऊ के बीच सहित अनेक रेलगाड़ियां नागपुर से इटारसी होकर जबलपुर के बजाए नागपुर से छिंदवाड़ा, नैनपुर होकर जबलपुर के बीच संचालन की संभावनाएं भी जल्द ही तलाशी जा सकती हैं, पर इसमें बालाघाट और मण्डला के सांसदों को आगे आकर पहल करना होगा।