कैबिनेट में सहमति बनने के बाद पेंशनर्स का डीआर आदेश अटका

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। कैबिनेट में पेंशनर्स की महंगाई राहत (डीआर) कर्मचारियों के महंगाई भत्ता के साथ बढ़ाने पर सहमति बनने के बाद भी आज तक आदेश जारी नहीं हो पाए। इसमें छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति लेने का पेंच अभी भी फंसा हुआ है। जबकि, कैबिनेट में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के इस प्रावधान को हटाने पर सहमति बन गई थी।

बताया जा रहा है कि वित्त विभाग ने अभी तक इसको लेकर कोई पहल नहीं की है। प्रचलित पद्धति पर ही तीन फीसदी डीआर बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति देने का पत्र भेज दिया है। वहां अभी तक कर्मचारियों का डीए और पेंशनर्स का डीआर नहीं बढ़ाया गया है। सरकार के इस रवैए से नाराज होकर पेंशनर्स एसोसिएशन ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है।

प्रदेश सरकार ने तीन जून को शासकीय सेवक, स्थाईकर्मी, पंचायत सचिव और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता व राहत तीन फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया था। एक जनवरी से इसे लागू करके डीए और डीआर 12 प्रतिशत हो गया। इसके साथ ही कैबिनेट में यह भी तय किया गया कि पेंशनर्स का महंगाई राहत में वृद्धि देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति लेने की जरूरत को समाप्त का निर्णय लिया।

इसके बावजूद सिर्फ नियमित कर्मचारियों के डीए बढ़ाने के आदेश वित्त विभाग ने जारी किए। सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ से सहमति लेने का प्रावधान कानूनी है, इसे समाप्त करने के लिए दोनों राज्यों की सहमति लगेगी। इसकी प्रक्रिया अभी शुरू ही नहीं की गई है।

यही वजह है कि अभी प्रचलित प्रक्रिया के तहत छत्तीसगढ़ शासन को डीआर बढ़ाने के आदेश जारी करने सहमति मांगी गई है। उधर, पेंशनर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गणेशदत्त जोशी ने कहा कि अभी तक सरकार ने डीआर बढ़ाने दोनों राज्यों की सहमति के प्रावधान को हटाने की दिशा में कोई काम नहीं किया है। इससे पेंशनर्स नाराज हैं और इंदौर में हुई बैठक में तय किया गया है कि 23 जुलाई को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपा जाएगा। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भोपाल में पेंशनर्स एकत्र होकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।