रात में दवा नहीं शराब मिल सकती है!

(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी (साई)। देश के मशहूर कार्टूनिस्ट चंद्रशेखर हाडा के द्वारा कुछ समय पूर्व बनाया गया यह कार्टून सिवनी के हालातों पर सटीक बैठता दिख रहा है। सिवनी में रात 12 बजे के बाद जीवन रक्षक दवाईयों के लिये मरीजों के परिजन भटकते देखे जा सकते हैं पर रात में शराब आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन कार्य करने वाले ड्रग विभाग की कथित निष्क्रियता के चलते शहर में रात में कोई भी मेडिकल स्टोर खुला नहीं मिलता है। किसी के घर में उसके किसी परिजन का स्वास्थ्य खराब हो जाये तो वह रात में दवाओं के लिये यहाँ – वहाँ भटकते हुए देखा जा सकता है।
दरअसल, लगभग सभी दवाओं को सरकारी अस्पताल में उपलब्ध होने का दावा सरकारों के द्वारा किया जाता रहा है। इससे दवा विक्रेताओं के द्वारा रात को दस बजे के बाद दुकान खोलकर रखना ही बंद कर दिया गया है। और तो और हद तो तब हो जाती है, जबकि रात के समय में जिला अस्पताल में भर्त्ती मरीजों के परिजन ही दवाओं के लिये भटकते हुए देखे जाते हैं।
इससे उलट शहर की शराब दुकानों में निर्धारित समय के बाद भी शराब आसानी से मुहैया हो जाती है। लोगों का कहना है कि सिवनी शहर में सब कुछ संभव है। रात में मरीजों को दवाएं मिलें या न मिलें पर रात में सुरा प्रेमियों के लिये शराब आसानी से मुहैया हो जाती है।
लोगों ने माँग की है कि रात के समय में कम से कम एक मेडिकल स्टोर को खुला रखने के लिये जिला प्रशासन के द्वारा पहल की जानी चाहिये। इसके लिये बारी – बारी से एक – एक मेडिकल स्टोर्स के संचालक को इसके लिये पाबंद किया जा सकता है। किस दिन कौन सा मेडिकल स्टोर खुलेगा इसकी जानकारी पहले से नागरिकों को दे दी जाये तो लोगों को सुविधा हो सकती है। इसके अलावा अगर रेडक्रॉस या रोगी कल्याण समिति के द्वारा एक मेडिकल स्टोर का संचालन चौबीसों घण्टे के लिये किया जाता है तो यह नागरिकों के लिये उचित ही होगा।