समझदारी और सतर्कता बचाएगी ग्राहक धोखाधड़ी

(डॉ. प्रितम भी. गेडाम)

(राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस विशेष – 24 दिसंबर 2022)

किसी भी प्रकार के उत्पाद या वस्तु सर्च इंजन से ढूंढ़ने पर हमारे सामने स्क्रीन पर जेन्युइन ई-कॉमर्स कंपनी के साथ ही ढेर सारी फेक ई-कॉमर्स वेबसाइट की लिस्ट खुलती है, जो अत्यंत अल्प दरों में वस्तुओं की कीमत दर्शाती है। ऐसी वेबसाइट कंपनी का तो नाम भी कभी सुना नहीं होता है, इनसे संपर्क हेतु एक बंद मोबाइल नंबर और एक फेक ईमेल आयडी दर्शायी होती है, अधिकतम उनके दिए गए पते पर कोई भी रजिस्टर्ड कंपनी या ऑफिस नहीं होता है। दुनिया भर में धड़ल्ले से ऐसे फ्रॉड वेबसाइट के जाल फैलाकर ग्राहकों को खूब लुटा जाता है। सोशल मीडिया, नेटवर्किंग साइट पर बहुत बार ऐसी फेक लिंक दिखाई जाती है, हमेशा जेन्युइन ई-कॉमर्स कंपनी से ही खरीदारी करनी चाहिए।

लोग हमेशा बिना कुछ सोचे-समझे लुभावने ऑफर के चक्कर में अपना विवेक खो देते है और फेक बातों को सच मानकर पैसा गंवाते है साथ ही अपने परिचित लोगों में भी फेक लिंक या फेक ऑफर शेयर करते हैं। आये दिन हमें ऐसे झूठे कॉल, मैसेज, ईमेल आते रहते है, किसी पर भी तुरंत भरोसा करना महंगा पड़ सकता है। सतर्क और जानकर न होने का हर्जाना हमें भुगतना पड़ता है। हम कोई भी वस्तु खरीदते है तो हमें उस वस्तु सम्बन्धी सम्पूर्ण जानकारी होनी ही चाहिए, उदाहरण के लिए उस वस्तु की अधिकतम कीमत, उसका वजन, सम्मिलित पदार्थ गुणधर्म व मात्रा, पैकिंग दिनांक, अंतिम दिनांक, संपर्क विवरण, मान्यताप्राप्त संस्थान का नाम व अन्य जानकारी भी ध्यान से पढें। वस्तु पर दर्शायी गई अधिकतम कीमत से ज्यादा ग्राहक द्वारा भुगतान कानून का उल्लंघन है। दुकानदार से वस्तु का पक्का बिल मांगे, सम्पूर्ण संतुष्टि होने पर ही वस्तु खरीदें।

देश में पिछले तीन वर्षों के अंतर्गत 16 लाख से अधिक साइबर अपराध की घटनाएं हुई हैं, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा लोकसभा को सूचित किया गया। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, 2022 की पहली और दूसरी तिमाही के बीच साइबर धोखाधड़ी की शिकायतों में 15.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी, बाद में इसमें 34 फीसदी की बढ़ोतरी हुयी। आरबीआई के मुताबिक, सितंबर 2022 को खत्म हुए वित्त वर्ष में यूपीआई पेमेंट में 1200 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एक्सपेरियन के ग्लोबल आइडेंटिटी एंड फ्रॉड रिपोर्ट 2022 सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग एक तिहाई भारतीय उपभोक्ता ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं।

सर्वेक्षण में शामिल अधिकतम भारतीय पिछले एक साल में ऑनलाइन धोखाधड़ी के प्रति सबसे अधिक असुरक्षित महसूस करते हैं ऐसा पता चला हैमुख्य रूप से सोशल मीडिया साइटों (38%), भुगतान प्रणाली प्रदाताओं (30%), और ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म (30%) पर धोखाधड़ी का अनुभव किया। ओपसेक सिक्योरिटी के शोध अनुसार, साल 2020 में 86% उपभोक्ता पहचान की चोरी, क्रेडिट/डेबिट कार्ड धोखाधड़ी या डेटा उल्लंघन का शिकार हुए हैं, जो साल 2019 के मुकाबले 80% से अधिक बढ़ गया है। फेडरल ट्रेड कमीशन ने बताया कि अमेरिकी उपभोक्ताओं ने पिछले साल 2021 में धोखाधड़ी से 5.8 बिलियन डॉलर खो दिया, जो कि 2020 के मुकाबले 70% से अधिक की वृद्धि है। मायक्रोसॉफ्ट 2021 ग्लोबल टेक सपोर्ट स्कैम रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, भारत में उपभोक्ताओं ने 2021 में 69% की ऑनलाइन धोखाधड़ी की उच्च दर का अनुभव किया। लोकल सर्कल्स निजी फर्म द्वारा पता चला है कि सर्वेक्षण में शामिल भारतीयों में से 42% ने पिछले 3 वर्षों में वित्तीय धोखाधड़ी का अनुभव किया, और उनमें से 74% पैसे वापस पाने में विफल रहे। आरबीआई अनुसार, सामूहिक रूप से, बैंक धोखाधड़ी के परिणामस्वरूप भारत को पिछले 7 वर्षों में हर दिन कम से कम ₹100 करोड़ का नुकसान हुआ है।

ग्राहक के हित में सुरक्षा और उनके द्वारा किये गए भुगतान को योग्य न्याय मिले इसके लिए उन्हें कुछ अधिकार दिए है जैसे :- सुरक्षा का अधिकार, सूचना पाने का अधिकार, चुनने का अधिकार, सुने जाने का अधिकार, शिकायत निवारण का अधिकार, उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार। उपभोक्ता संरक्षण कानून अंतर्गत ग्राहक कहीं से भी शिकायत दर्ज करने का अधिकार प्राप्त करता है, उत्पाद दायित्व के तहत मुआवजा मांगने का अधिकार है, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग करके सुनवाई का अधिकार है और यह जानने का अधिकार कि उसकी शिकायत क्यों खारिज की गयी। उपभोक्ता संरक्षण कानून ग्राहक से लेकर उत्पाद निर्माता, उत्पाद विक्रेता, उत्पाद सेवा प्रदाता, व्यापारी, विज्ञापन एजेंसियां, समर्थनकर्ता और ई-कॉमर्स विक्रेता पर लागू होता है।

उपभोक्ता संरक्षण हेतु अनेक अधिनियम बनाये गए है जैसे:- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986, भारतीय अनुबंध अधिनियम 1972, माल बिक्री अधिनियम 1930, खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954, ट्रेड मार्क अधिनियम 1999 व अन्य। उपभोक्ता शिकायत हो तो आप अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए 1800-11-4000 या 1915 (टोल फ्री) पर कॉल कर सकते हैं, या 8800001915 इस नंबर पर एसएमएस करें। केवल साइबर वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित शिकायतों के लिए 1930 क्रमांक डायल करें। हर जगह अपनी निजी जानकारी साझा न करें, हमेशा बैंकिंग अकाउंट सम्बन्धी जानकारी देने से बचें, आरबीआई द्वारा दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन करें, हमेशा सतर्क रहें, अपने अधिकारों को समझें और जागरूक ग्राहक बने रहें।

मोबाइल नं. 082374 17041

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(साई फीचर्स)