टैंकर में ढक्कन तो लगवा लिये जायें

 

मुझे शिकायत नगर पालिका से है जिसके द्वारा शहर में कृत्रिम जल संकट बनाया जा रहा है जिसके कारण किसी क्षेत्र में जल प्रदाय ही नहीं किया जाता है और किसी क्षेत्र में एक-एक घण्टे तक नल से पानी आकर बहता रहता है। इसके बाद आरंभ होता है जल प्रदाय से अछूते रहे क्षेत्र में टैंकर का भेजा जाना जो लोगों के लिये सिरदर्द साबित होते हैं।

सिवनी में वर्तमान में कई क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। ये टैंकर जब पानी लेकर रवाना होते हैं तब इनमें से कई टैंकरों में ढक्कन ही नहीं लगा होता है जिसके कारण ये टैंकर जब किसी गति अवरोधक से होकर गुजरते हैं तब इनमें से काफी ज्यादा मात्रा में पानी उछलता है जो उक्त टैंकर के समीप से होकर गुजर रहे लोगों के ऊपर गिरता है।

यदि ऐसे टैंकरों में ढक्कन लगवा दिये जायें तो लोगों को परेशानी नहीं होगी लेकिन नगर पालिका के द्वारा इतनी सी भी कवायद न किया जाना उसका निकम्मेपन ही साबित करता है। यदि ढक्कन नहीं लगवाये जा सकते हैं तो स्थान – स्थान पर बनवाये गये स्पीड ब्रेकर्स को ही तुड़वा दिया जाये ताकि इन टैंकरों से पानी उछलकर लोगों के ऊपर न गिर सके लेकिन शायद नगर पालिका के द्वारा स्पीड ब्रेकर्स भी नहीं हटवा पाये जायेंगे।

इसके साथ ही देखने में यह भी आ रहा है कि कुछ अति विशिष्ट लोगों के यहाँ फायर ब्रिगेड के माध्यम से पानी पहुँचाया जा रहा है जिसे आपत्तिजनक ही माना जायेगा। ग्रीष्म काल के इन दिनों में जहाँ आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी हैं और किसानों की कई एकड़ भूमि पर लगी फसलें इस अग्नि की भेंट चढ़ रही हैं तब फायर ब्रिगेड को निजि सेवाओं में लगाया जाना, अपनी शक्ति का दुरूपयोग किया जाना ही माना जायेगा।

फायर ब्रिगेड के माध्यम से लोगों के घरों में जल प्रदाय किया जाना अविलंब बंद किया जाना चाहिये। इसके पीछे वजह यही है कि लोगों के घरों में पानी ले जाने वाला अग्नि शामक वाहन जब खाली होता है और यदि तभी कहीं आग लग जाये तब उस वाहन को पुनः पानी से भरने में ही बहुत समय लग जायेगा और तब तक आग से काफी नुकसान संबंधित को हो चुका होगा। अग्नि दुर्घटना के पीड़ित को इस अतिरिक्त क्षति से बचाने के लिये बेहतर होगा कि अग्नि शामक वाहन सदैव पानी से भरा रहकर सेवा के लिये तत्पर रहे।

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