(शरद खरे)
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमाँक सात पर अवस्थित सिवनी जिले में आज भी आज़ादी के समय की गयी व्यवस्थाओं पर पुलिसिंग की जा रही है। पुलिस विभाग में पहले जितना बल स्वीकृत था उसमें जितनी बढ़ौत्तरी आज तक हुई है उसे ऊँट के मुँह में जीरे के समान माना जा सकता है।
कुछ समय पहले आदेगाँव में पुलिस थाना व बादलपार तथा बोरीकला में पुलिस चौकी की स्वीकृति प्रदाय की गयी है। यह वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, इसमें खास बात यह है कि आदेगाँव, बोरीकला और बादलपार के लिये स्वीकृति के साथ ही पुलिस बल भी स्वीकृत किया गया है।
सिवनी शहर की अबादी धीरे-धीरे बढ़ रही है। सिवनी जिला चूँकि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमाँक सात पर स्थित है और एनएच 07 को देश में सबसे ज्यादा यातायात दबाव वाली सड़क माना जाता है, इस लिहाज़ से यहाँ आवागमन बहुतायत में होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
सिवनी जिले में फोरलेन का निर्माण होने के बाद से जिले के किसी भी हिस्से से जिले की सीमा को पार करने में महज़ दो से ढाई घण्टे ही लगते होंगे। इस परिस्थिति में अगर कहीं अपराध कारित कर अपराधी भागना चाहे तो उसके लिये यह समय जिले की सीमा को छोड़ने के लिये पर्याप्त माना जा सकता है।
जिले में अभी न जाने कितनी हत्याओं, विशेषकर महिला शवों के मिलने की गुत्थी सुलझ नहीं पायी है। यहाँ से होकर गुज़रने वाले वाहनों से अगर किसी के शव को फेंक दिया जाये तो यह पता करना मुश्किल होगा कि मृतक कौन है! मृतक की शिनाख्त नहीं होने के कारण मामला कुछ सालों में ठण्डे बस्ते के हवाले ही कर दिया जाता है।
सिवनी शहर को अब कोतवाली और डूण्डा सिवनी थाने में बांट दिया गया है। इसके बाद भी एक और पुलिस थाना या चौकियों की आवश्यकता महसूस की जा रही है। कोतवाली शहर को पुराने शहर में माना जा सकता है। अब नये शहर के रूप में बारापत्थर क्षेत्र विकसित हो चुका है। इसके अलावा कटंगी नाका क्षेत्र हो या स्टेडियम के आसपास का क्षेत्र, ये सब नये सिवनी में माने जा सकते हैं। इस लिहाज़ से अब सिवनी शहर में दीवान महल के आसपास एवं बाहुबली चौराहे पर भी पुलिस चौकियां खोलने की दिशा में प्रशासन को विचार करना होगा।
आने वाले दिनों में सिवनी शहर देर सबेर ही सही पर ब्रॉडगेज़ से जुड़ जायेगा। आंकड़ों पर अगर गौर फरमाया जाये तो जो भी शहर ब्रॉडगेज़ से जुड़े होते हैं उन शहरों में अपराधिक गतिविधियां ज्यादा ही होती हैं। इस दृष्टि से सिवनी की पुलिस को उस समय ज्यादा चौकस रहना होगा जब यह ब्रॉडगेज़ से जुड़ जायेगा।
सिवनी शहर के आसपास सरकारी भूमि बहुतायत में है। इस भूमि पर कब्जा जारी है। इनमें से कुछ एकड़ भूमि चिन्हित की जाकर अगर यहाँ रेपिड एक्शन फोर्स या विशेष सशस्त्र बल की दो चार कंपनियों का पड़ाव डलवा दिया जाये तो इनके द्वारा आसपास के जिलों सहित सिवनी में किसी भी विषम परिस्थितियों में कम समय में पहुँचा जाकर स्थितियों को सम्हाला जा सकता है।
सिवनी के विकास का दावा यहाँ के जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगातार ही किया जाता रहा है पर किसी के भी द्वारा भविष्य को लेकर किसी तरह की कार्ययोजना नहीं बनाया जाना दुःखद ही माना जायेगा। जनप्रतिनिधि अपनी जवाबदेही पूरी न कर पा रहे हों तो कम से कम जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से अपेक्षा की ही जा सकती है कि वे ही भविष्य में सिवनी की संभावित आबादी, रेल लाईन, फोरलेन आदि के मद्देनज़र पुलिस की कुछ इस तरह व्यवस्था मुकम्मल करने की कार्ययोजना बनायें ताकि आने वाली पीढ़ी को कानून एवं व्यवस्था की स्थिति से दो-चार न होना पड़े।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.