(शरद खरे)
नगर पालिका परिषद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब सारी कमान नगर पालिका के अधिकारियों के हाथों में आने के बाद भी पालिका की बेढंगी चाल से शहर के निवासी बुरी तरह आजिज आ चुके हैं, पर जिला प्रशासन पता नहीं क्यों पालिका को अभयदान दिये जा रहा है।
जिला चिकित्सालय के सामने बना यात्री प्रतीक्षालय महीनों से वीरान ही पड़ा हुआ है। इस वीरान प्रतीक्षालय का उपयोग शाम ढलते ही मयज़दों द्वारा मदिरापान के लिये किया जाता रहा है। इस बेकार पड़े यात्री प्रतीक्षालय के दिन भी नगर उदय अभियान के चलते फिर गये।
2014 में राजेश त्रिवेदी के नेत्तृत्व वाली नगर पालिका परिषद के द्वारा सिवनी शहर में छिंदवाड़ा चौराहा, कचहरी चौराहा, सर्किट हाउस चौराहा एवं बाहूबली चौराहा पर यातायात सिग्नल्स की संस्थापना करवायी गयी थी। इसके बाद से ये ठूंठ के मानिंद ही खड़े दिख रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर इन्हें आरंभ नहीं करना था तो इनकी संस्थापना में लाखों रुपये फूंकने की क्या आवश्यकता थी?
पिछले साल 04 अक्टूबर को सांसद डॉ.ढाल सिंह बिसेन की अध्यक्षता में संपन्न हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के द्वारा नगर पालिका अधिकारी को छः दिन के अंदर यातायात सिग्नल चालू करने के निर्देश दिये गये थे। विडंबना ही कही जायेगी कि आज भी यातायात सिग्नल आरंभ नहीं हो पाये हैं।
नगर पालिका के अधिकारी आखिर चाहते क्या हैं, यह बात नागरिकों की समझ से परे है! अगर इन यातायात सिग्नल्स को चालू नहीं कराया जाना था तो इनकी संस्थापना पर जनता के गाढ़े पसीने से संचित राजस्व में से लाखों रूपये फूंकने का क्या औचित्य था!
देखा जाये तो जिलाधिकारी के द्वारा अक्टूबर में दिये गये निर्देश का पालन तत्काल ही मुख्य नगर पालिका अधिकारी को सुनिश्चित करना था। अगर इसमें तकनीकि खामियां थीं, तो ये खामियां किस स्तर पर ठीक हो सकती हैं, इस बारे में बताया जाना चाहिये। सड़क सुरक्षा समिति में दिये गये निर्देश के संबंध में सरकारी विज्ञप्ति तो जारी हुई पर उसके बाद चार माह बीत जाने के बाद इस मामले में किसी के भी द्वारा किसी तरह की बात न कहा जाना अपने आप में आश्चर्य से कम नहीं है।
अब जबकि जिलाधिकारी प्रवीण सिंह स्वयं नगर पालिका के प्रशासक का पदभार ग्रहण कर चुके हैं तब उम्मीद की जानी चाहिये कि वे नगर पालिका के अधिकारियों की मश्कें अवश्य कसेंगे और नगर पालिका की बेढंगी चाल पर अंकुश लगाते हुए नागरिकों को राहत मिल सके, इस तरह की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाने के मार्ग प्रशस्त करेंगे।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.