विलुप्त प्रजाति के पौधे लगाकर किया गया हरा भरा करने का प्रयास
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। जिले में सड़क, शासकीय भवन, जलाशय निर्माण सहित तस्करों द्वारा किये गये पेड़ों की कटाई से पर्यावरण की स्थिति दिनोंदिन खराब हो रही है। इन सबके बीच एक अच्छी खबर यह है कि वन विभाग नंगी पहाड़ियों पर पौधारोपण करने के साथ विलुप्त प्रजाति के फलदार पौधे को लगाने की पहल कर रहा है।
दक्षिण वन मण्डल के आंकड़ों पर गौर करें तो सिवनी परिक्षेत्र के डोरली छतरपुर की लगभग 50 हेक्टेयर की पहाड़ी पर राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत 21 हजार 500 पौधे लगाये गये हैं। इस पहाड़ी पर लंबे समय से अतिक्रमण हो रहा था। इसको लेकर ग्रामीणों ने तत्कालीन कलेक्टर गोपालचंद डाड से शिकायत की थी। उनके निर्देश पर सिवनी तहसीलदार के नेत्तृत्व में पहुँची टीम ने पहाड़ी का अतिक्रमण हटाया था।
उसी समय कलेक्टर ने दक्षिण वन मण्डल अधिकारी को संबंधित पहाड़ी पर पौधारोपण किये जाने का निर्देश दिया था। उनके निर्देश पर प्रस्ताव बनाकर तत्कालीन वन मण्डल अधिकारी टी.एस. सूलिया ने शासन को भेजा था। शासन से मिली स्वीकृति के बाद इस वर्ष वहाँ बांस लगाये गये हैं।
बांस लगाने के पूर्व उक्त पहाड़ी पर पौधा लगाने के लिये ग्राम पंचायत से अनुमति ली गयी है। लगभग पाँच साल तक उसकी देख रेख करने के बाद वन विभाग उसे पंचायत के हवाले कर देगा। इससे वहाँ तैयार होने वाले बांस से पंचायत को आय होगी। सिवनी परिक्षेत्र अधिकारी के.के. तिवारी की माने तो लगभग 12 लाख रुपये से पौधारोपण सहित अन्य कार्य हो रहे हैं।
इसके अलावा दक्षिण वन मण्डल के नांदी और केवलारी में औषधीय फलदार पौधारोपण योजना के तहत लगभग 30-30 एकड़ में फलदार पौधे लगाये गये हैं। दोनों स्थानों पर हर जगह 18 हजार 750 पौधे लगाये गये हैं, जिन पौधों को लगाया गया है उनमें महुआ, बहेड़ा, रीठा, आंवला आदि हैं। इनमें वन विभाग को लगभग 16 लाख रुपये खर्च हुए हैं।