पितरों को करें प्रसन्न, देंगे आशीष

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। पितृपक्ष में बैनगंगा के तटों पर लोग पितृों को तर्पण कर रहे हैं। सामूहिक रूप से भी किये जा रहे हैं। हर दिन सुबह ही काफी संख्या में लोग तर्पण और श्राद्ध कर्म करने पहुँच रहे हैं। दान – पुण्य और सेवा के कार्य किये जा रहे हैं।

वैदिक मंत्रोच्चार के बीच लोग पितरों को तर्पण कर रहे हैं। इस दौरान ऐसे लोग आवश्यक नियम संयम का पालन भी कर रहे हैं। पितृ पक्ष में मनोकामना पूर्ति के लिये भी भोग का अर्पण बताया गया है। अनेक लोग इस अनुसार भी भोग का अर्पण कर रहे हैं।

भोग का निर्धारण : ज्योतिषाचार्यों के अनुसार संतान प्राप्ति हेतु मिष्ठान का भोग, धन प्राप्ति हेतु ऋतु फल या खीर का भोग, यश प्राप्ति हेतु ब्राह्मणों का वस्त्रदान, सुख व शांति की प्राप्ति हेतु वेदपाठी ब्राह्मणों का भोजन कराया जाना श्रेष्ठ होता है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पितृपक्ष में घर में कलह नहीं करना चाहिये। श्राद्ध के दिन मीठी वस्तु का भोग लगाना चाहिये। भोग के साथ गौ ग्रास, कौआ और कुत्ते को अवश्य खिलाना चाहिये। पितर प्रसन्न होते हैं तो सुख समृद्धि का आशीर्वाद देकर पितृ मोक्ष अमावस्या को बैकुण्ठ धाम जाते हैं।

ज्योतिषाचार्यों की मानें तो श्राद्ध कर्म जिस दिन किया जाये, उस दिन द्रव्य दान, अन्न दान, मिष्ठान दान करना चाहिये। ब्राह्मणों, गरीबों एवं जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिये जबकि, श्राद्ध तिथि के दिन मनोकामना पूर्ति के लिये भोग लगाने के लिये अगल – अलग वस्तुओं का निर्धारण किया गया है।