. . . इन्हें दवाएं न दें मेडिकल स्टोर्स संचालक!

 

 

बिना रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर के प्रिसक्रिप्शन मरीज़ों को दिया जाना पूर्णतः अवैधानिक

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। झोला छाप चिकित्सकों पर लगाम लगाने में असफल रहे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की कार्यप्रणाली को उनके ही अधीन संचालित खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने आईना दिखाया है।

ब्रहस्पतिवार को जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार औषधि निरीक्षक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि जिले के औषधि विक्रेताओं के द्वारा जिले में मौजूद बिना डिग्री, डिप्लोमा के क्लीनिक संचालित करने वाले डाक्टरों को बेधड़क रूप से बड़ी मात्रा में औषधियां उपलब्ध करायी जा रही हैं।

विज्ञप्ति के अनुसार यही नहीं, उपलब्ध करायी जाने वाली औषधियों में शेड्यूल एच एवं एच 01 के अंतर्गत आने वाली औषधियां भी शामिल हैं। बिना रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर के प्रिसक्रिप्शन के मरीज़ों को दिया जाना पूर्णत अवैधानिक है। साथ ही थोक विक्रेताओं द्वारा बिना लाईसेंसधारी व्यक्ति को, बिना बिल के औषधि विक्रय करना भी अनुज्ञप्ति प्रदाय की शर्तांे का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है।

विज्ञप्ति में दवा विक्रेताओं से कहा गया है कि वे औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियों की शर्ताें व औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के नियमों व शर्ताें का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित करें। अन्यथा भविष्य में औषधियों के किसी भी प्रकार के अवैध रूप से किये गये क्रय – विक्रय में लिप्त पाये जाने पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।