(आगा खान)
कान्हीवाड़ा (साई)। जिले से बड़ी संख्या में मजदूर काम की तलाश में महानगरों की ओर रूख करते है, जहाँ पर ठेकेदारों एवं एजेंटों द्वारा काम के नाम पर मजदूरों का खुलेआम शोषण किया जाता है तो वहीं दुर्घटना का शिकार होने के बाद मजदूरों को न तो उपचार दिलाया जाता और न ही उनकी कोई आर्थिक मदद की जा रही है।
इन परिस्थितियों में दुर्घटना के शिकार मजदूर आर्थिक तंगी और शारीरिक रूप से ट्ूट रहे है। कई मजदूर तो अपनी जान तक गवां चुके हैं। जिले के कान्हीवाड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम मेहरा खापा निवासी नूर सिंह (45) पिता मनेषा विश्वकर्मा को काम के लिये ग्राम छुई निवासी बब्लू पिता प्रहलाद ठाकुर द्वारा नागपुर ले जाया गया था।
बताया जाता है कि नागपुर में बबलू के अधीन नूर सिंह काम करता था। इसी दौरान 18 दिसंबर 2018 को 18 फीट ऊँची बिल्डिंग में सेंट्रिंग कसते समय सेंट्रिंग भाड़ा टूट जाने के कारण नूर सिंह गिर गये और गंभीर रूप से घायल हो गये। उन्हें नागपुर मेडिकल कॉलेज में भर्त्ती कराया गया था। वहाँ से बबलू ठाकुर ने 07 जनवरी 2019 को नूर सिंह को सिवनी रिफर करवाकर जिला चिकित्सालय में भर्त्ती करा दिया। इसके बाद उपचार कराने एवं ठीक होने तक आर्थिक सहायता देने का आश्वासन देकर बबलू उस दिन से जो गया, दोबारा लौटकर घायल नूर सिंह की हालत जानने के लिये वह नहीं पहुँचा।
नूर सिंह का जिला चिकित्सालय में उपचार चल रहा है। नूर सिंह का इस घटना में पैर और कमर की हड्डी टूट गयी है जिस वजह से वे जिला चिकित्सालय में भर्त्ती हैं। विगत 05 माह से काम पर नहीं होने और उपचार के दौरान रूपये लगने के चलते नूर सिंह के परिवार की आर्थिक हालत दिन व दिन बदत्तर होती जा रही है। बार – बार संपर्क करने पर भी बबलू ठाकुर से कोई संपर्क स्थापित नहीं हो पा रहा है।