(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। मध्यान्ह भोजन कर्मचारियों को एक दिन की मजदूरी के रूप में लगभग 40 रूपये प्रदाय किया जाता है। इस महंगाई के दौर में मात्र 40 रूपये में अपने परिवार का पालन पोषण करना असंभव है।
उक्ताशय की बात बीएसएनएल कार्यालय के सामने मध्यान्ह भोजन कर्मियों की सभा को संबोधित करते हुए तीरथ प्रसाद गजभिए द्वारा कही गयी। उन्होंने कहा कि अपनी इस व्यथा को ये कर्मचारी पिछले कई साल से केन्द्र और राज्य सरकार के सामने पेश कर रहे है, लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। मध्यान्ह भोजन कर्मचारियों की दुर्दशा नेताओं के लिये बड़े ही कलंक की बात है।
कॉमरेड गजभिये ने आगे बताया कि काँग्रेस पार्टी ने विधान सभा चुनाव के पहले अपने वचन पत्र लिखित में वचन दिया था कि उनकी सरकार बनी तो मध्यान्ह भोजन कर्मचारियों को 04 हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जायेगा। इसी प्रकार केन्द्र की भाजपा सरकार ने भी मध्यान्ह भोजन कर्मचारियों को उचित वेतन और सरकारी सुविधाएं देने का वायदा किया था लेकिन किसी ने भी इन कर्मचारियों के साथ किये गये अपने वचन को नही निभाया।
उन्होंने कहा कि आज मध्यान्ह भोजन कर्मचारी, तमाम प्रकार के शोषण, नेताओं और अधिकारियों की डांट फटकार सुनकर भी स्कूलों के बच्चों को साफ सुथरा भरपेट भोजन प्रदान करने में तत्पर हैं, जबकि उन्हें जो राशन दिया जाता है वह बहुत ही घटिया किस्म का होता है जिसे सुधारकर बनाने में कर्मचारियों को बहुत तकलीफ होती है। यदि इसमें किसी प्रकार की कोई त्रुटि हो जाये तो नेता और अधिकारी असहाय मध्यान्ह भोजन कर्मियों पर कुपित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों को मात्र 40 रूपये देकर पाँच से छः घण्टे काम लेने में उन्हें शर्म नहीं आती।
इस अवसर पर रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल ने कहा कि हमारे देश में नारी शक्ति की बड़ी – बड़ी बातें होती हैं। महिलाओं को देवी जैसे संबोधन से संबोधित किया जाता है लेकिन मध्यान्ह भोजन कर्मचारियों के रूप में जो माताएं बहनंे अपनी सेवाएं दे रहीं हैं उनकी दुर्दशा देखकर कलेजा कांप जाता है।
उन्होंने कहा कि नेताओं और अधिकारियों को इन कर्मचारियों की तकलीफ नहीं दिखायी देती है। ये अपनी तकलीफ व्यक्त करते हैं तो नेताओं को समझ भी नहीं आता। इससे सिद्ध होता है कि देश के नेता नासमझ और गरीबों को बंधुओं मजदूर समझते हैं। कार्यक्रम को अली एम.आर. खान, श्रीमती किरण प्रकाश बुर्डे, प्रकाश बुर्डे, यीशु प्रकाश आदि ने भी संबोधित किया। सभी ने देश – प्रदेश की सरकार से मध्यान्ह भोजन कर्मचारियों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का दर्जा देकर उन्हें तमाम सुविधाएं देने की माँग की।