हिन्दी दिवस पर हुआ आयोजन

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। मनुष्य की स्वभाविक प्रवृत्ति होती है वह अपने भावों को विचारों को दूसरों पर प्रकट करें और दूसरों के विचारों को सुने और समझे। उक्त उदगार विकास खण्ड स्तरीय कहानी प्रतियोगिता के अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि मनुष्य अपनी कल्पना की सहायता से दुनिया के विभिन्न विषयों के संबंध में क्या सोचता है प्रेम, दया, करूणा द्वेष घृणा तथा क्रोध आदि मानसिक वृतियों पर अपनी बात रखता है। मनुष्य में अभिव्यंजन की शक्ति एक सी नहीं होती और न विचारों की गंभीरता एक सी होती है। मनुष्य की इसी प्रवृत्ति की प्रेरणा से ज्ञान और शक्ति के इस भण्डार की सृजन संचय और सवर्धन होता है। कहानी के माध्यम से बच्चों एवं शिक्षकों में उनके अंदर के विचारों को निखारा जा सकता है।

इस विषय पर निर्णायक के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश तपिश, डॉ.राम कुमार चतुर्वेदी, अखिलेश यादव, अनिल तिवारी, संजय जैन, श्रीमति ठाकुर आदि ने भी अपनी बात रखी। जनशिक्षा केन्द्र के तत्वावधान में आयोजित किया गये कार्यक्रम में विजयी जिला स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होंगे।

इस अवसर पर बीआरसीसी रूद्रप्रताप सिंह, ठाकुर अरूण राय, साबिर खान, श्री साहू सहित अनेक लोगों की उपस्थिति में निर्णय लिये गये। शिक्षक महेश साहू कान्हीवाड़ा प्रथम, महेश साहू कुकलाहा द्वितीय एवं शंकरलाल सनोडिया सिवनी तृतीय रहे। विद्यार्थियों में शासकीय माध्यमिक शाला तिघरा की कु.काजल प्रथम, कान्हीवाड़ा की कु.साफिया द्वितीय, कातलबोड़ी की कु.जया पांडे तृतीय रहीं। प्रतियोगिता में 42 विद्यार्थी तथा 40 शिक्षकों ने कहानी की प्रस्तुती दी।