पान-गुटखा का आदेश हवा में दिख रहा उड़ता!

 

 

कमोबेश हर शाला के आसपास धड़ल्ले से चल रहीं हैं पान की दुकानें

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। शालाओं को राज्य शासन के द्वारा तंबाखू मुक्त कराने के निर्देश के पालन में जिले का शिक्षा विभाग पूरी तरह निष्क्रिय ही नजर आ रहा है। पिछले साल राज्य सरकार के द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन दो साल बाद भी शिक्षा विभाग नहीं करा पाया और इस साल जिला कलेक्टर के द्वारा दिये गये आदेश को भी शिक्षा विभाग ने हवा में ही उड़ा दिया है।

ज्ञातव्य है कि राज्य शासन ने प्रदेश के सभी हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में तंबाखू प्रतिबंधित होने संबंधी साईन बोर्ड लगवाने के निर्देश दिये हैं। स्कूल के अंदर सभी तल एवं मुख्य संस्थान पर जो साईन बोर्ड प्रदर्शित किये जायेंगे, उसमें इंगित होगा कि धूम्रपान एवं तंबाखू का सेवन प्रतिबंधित है।

राज्य सरकार ने निर्देश दिये थे कि स्कूल के प्रवेश द्वार के बाहर भी तंबाखू मुक्त शिक्षा संस्थान की घोषणा प्रदर्शित होगी। घोषणा में जिक्र होगा कि इस शिक्षा संस्थान की 100 गज की परिधि के अंदर किसी क्षेत्र में सिगरेट और अन्य तंबाखू उत्पाद का विक्रय कड़ाई पूर्वक निषिद्ध है। इसका विक्रय होना 200 रुपये जुर्माने के साथ एक दण्डनीय अपराध है।

इन निर्देशों के संबंध में प्राचार्य भी घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कर छायाचित्र सहित जिला शिक्षा अधिकारी को भेजेंगे। वे स्कूल का नाम, पता, पिनकोड के साथ घोषणा करेंगे कि तंबाखू के किसी उत्पाद का सेवन नहीं किया जा रहा है। स्कूल में किसी भी रूप में तंबाखू का कोई उत्पाद उपलब्ध नहीं है।

वर्ष 2017 में राज्य शासन ने शासन ने स्कूल शिक्षा के सभी संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में विश्व तंबाखू निषेध दिवस 31 मई 2017 के पहले कार्यवाही सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिये थे। विडंबना ही कही जायेगी कि ये निर्देश कागजों पर ही फलीभूत हो पाये थे।

वैसे बच्चों को तंबाखू की पहुँच से दूर रखने के लिये तंबाखू नियंत्रण अधिनियम एवं सिगरेट एवं अन्य तंबाखू उत्पादन अधिनियम में शिक्षा संस्थानों को तंबाखू मुक्त करने की व्यवस्था है। अधिनियमों के अनुसार शिक्षण संस्थान सहित समस्त सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान एवं अवयस्कों को तथा अवयस्कों द्वारा तंबाखू के पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध है।

अधिनियम के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाखू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध एवं संस्था के बाहर बोर्ड पर घोषणा प्रदर्शित करना होगी। इसका पालन नहीं किये जाने पर 200 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

शहर में महारानी लक्ष्मी बाई कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला, मिशन उच्चतर माध्यमिक शाला, महात्मा गाँधी स्कूल, मॉर्डन हाई स्कूल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, तिलक स्कूल, मठ कन्या शाला, हिन्दी मेन बोर्ड स्कूल सहित अनेक निजि और सरकारी शालाओं के सौ तो क्या पचास गज की परिधि में ही सिगरेट और तंबाखू के उत्पादों को बिकते देखा जा सकता है।

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सूत्र तो यहाँ तक बताते हैं कि जिन शालाओं से सौ गज की परिधि में पान दुकानें संचालित हो रही हैं जहाँ तंबाखू उत्पाद बिक रहे हैं में भी तंबाखू मुक्त परिसर की इबारत लिखवा दी गयी है। सूत्रों ने कहा कि चूँकि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अधिकारी कभी मैदानी दौरों पर जाते नहंी हैं इसलिये वे इस तरह की हकीकत से दो-चार नहीं हो पाते हैं, और इस तरह की गंभीर विसंगतियां प्रकाश में आती रहती हैं।