पालिका को नहीं गरीब गुरबों की परवाह!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। यद्यपि मौसम की आँख मिचौली से गर्मी के कस बल वर्तमान में कुछ हद तक ढीले पड़े हुए हैं, किन्तु शहर में पानी की किल्लत पहले की ही तरह बनी हुई है। शहर में हो रही पानी की सप्लाई, लोगों के रोष और असंतोष का कारण बनी हुई है। नलों से पतली धार आ रही है, तो अनेक स्थानों पर लगे सार्वजनिक नल ही गायब हो चुके हैं।
शहर के कमोबेश हर इलाके में जब नल आते हैं तो शुरूआती दौर में तीन से चार बाल्टी पानी गंदा और बदबूदार ही आता है, जिसे फेंकने के अलावा और कोई दूसरा चारा नहीं रह जाता है। इसके बाद एक-दो बाल्टी पानी ही लोग ले पाते हैं कि नल की धार एकदम तेजी से पतली होते – होते बंद हो जाती है।
लोगों की शिकायत है कि नलों से उगलने वाले पानी का फोर्स भी बेहद कम ही होता है। शहर में आम शिकायत है कि लोग पालिका के पानी को पीकर पेट की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। कमोबेश हर घर में ही एक न एक व्यक्ति अमीबाईसिस का मरीज बन रहा है।
वहीं सार्वजनिक नलों की तादाद पालिका के पास रिकॉर्ड में तो हजारों की है पर पालिका के द्वारा सालों से कभी मौके पर जाकर सार्वजनिक नलों के बारे में पतासाजी न करने पर, लोगों के द्वारा अपने – अपने साधनों से, सार्वजनिक नलों को निजि प्रांगण के अंदर कर लिया गया है।
शहर में जहाँ सार्वजनिक नल हैं भी तो उसमें पानी लेने के लिये लोगों को संघर्ष करते देखा जा सकता है। सुबह सवेरे से ही लोग सार्वजनिक नलों में जाकर अपना बर्तन रख देते हैं और कुछ-कुछ देर में जाकर नल आने की राह ताकते नजर आते हैं। वहीं, टैंकर्स से पानी की सप्लाई में भी मुँहदेखी प्रक्रिया अपनाये जाने के आरोप लग रहे हैं।
नगर पालिका प्रशासन के द्वारा भी सार्वजनिक नलों के बारे में सुध नहीं ली गयी है। पालिका के द्वारा जिस तरह से नये नल कनेक्शन प्रदाय किये जा रहे हैं उससे नलों में पानी का वेग शनैः शनैः कम होता जा रहा है। लोगों की शिकायत है कि उनके नल बमुश्किल एक या दो बाल्टी पानी ही उगल रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि आसमान से बादलों की हल्की चादर हटने के बाद एक बार फिर मौसम ने अगर अंगड़ायी ली तो शहर में पानी की माँग बढ़ सकती है। पानी की माँग और आपूर्ति के बीच के अंतर को पाटना पालिका के लिये, उसकी विवादित जल प्रदाय प्रणाली के चलते दुष्कर कार्य ही साबित हो सकता है।
गौरतलब होगा कि कहीं – कहीं पालिका के द्वारा जल प्रदाय पूरे फोर्स के साथ और अत्याधिक देर तक किया जाता है तो उसके समीपस्थ क्षेत्र में ही टैंकर से जल प्रदाय होते देखा जा सकता है। इस स्थिति को देखते हुए शहर के वांिशंदों का कहना है कि नगर पालिका के द्वारा कृत्रिम तौर पर जल संकट की स्थिति बनायी गयी है, जिससे उसके चहेते क्षेत्र कतई प्रभावित नहीं हैं, वहीं दूसरी ओर अन्य क्षेत्र के लोग बूंद-बूंद पानी को तरसते देखे जा रहे हैं। पालिका के इस रवैये के कारण आम नागरिकों में रोष देखा जा रहा है।