विधायक के बाद कलेक्टर की समय सीमा भी हुई बेअसर!
(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी (साई)। भीमगढ़ जलावर्धन योजना की समय सीमा पूरी हुए बिना ही इसकी पूरक जलार्वन योजना भी मॉडल रोड की तरह बीरबल की खिचड़ी बनकर रह गयी है। तत्कालीन निर्दलीय विधायक दिनेश राय के द्वारा इसके लिये तय की गयी समय सीमा से 397 दिन और जिला कलेक्टर के द्वारा दिये गये अल्टीमेटम के 31 दिन बीत जाने के बाद भी इस योजना का पानी लोगों के नलों में नहीं आ पाया है।
ज्ञातव्य है कि नवीन जलावर्धन योजना का काम करने के लिये महाराष्ट्र मूल की लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन कंपनी और नगर पालिका के बीच फरवरी 2015 में अनुबंध हुआ था। इस अनुबंध के अनुसार इस योजना का काम 11 माह में पूरा किया जाकर मार्च 2016 से इस योजना का पानी लोगों को मिलना आरंभ हो जाना चाहिये।
इसके बाद 08 फरवरी 2018 को तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी नवनीत पाण्डेय के द्वारा इसका निरीक्षण कराया जाकर इसकी जाँच के लिये जिला कलेक्टर को पत्र लिखा गया था। तत्कालीन जिला कलेक्टर गोपाल डाड के द्वारा इसकी जाँच तकनीकि समिति से करवायी जाकर इस योजना के ठेकेदार पर एक करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया गया था। इसके उपरांत राज्य स्तरीय समिति के द्वारा जिला स्तरीय जाँच को खारिज कर दिया गया था।
यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि तत्कालीन निर्दलीय (वर्तमान भाजपा के) विधायक दिनेश राय के द्वारा पिछले साल फरवरी माह में इस योजना का आरंभ करने के लिये फरवरी माह की अंतिम तारीख तय की गयी थी। इसके उपरांत अब 397 दिन बीत गये और यह योजना आरंभ नहीं हो पायी।
इसी तरह जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह के द्वारा ठेकेदार को 28 फरवरी तक इस योजना को आरंभ करवाने के निर्देश दिये गये थे। इसके बाद जिला कलेक्टर के द्वारा इस योजना के काम का लगभग आधा दर्जन से ज्यादा बार निरीक्षण करने के बाद भी मार्च माह बीतने के उपरांत भी इस योजना का पानी अब तक सिवनी शहर के लोगों को नहीं मिल पाया है।
लोगों का कहना है कि नवीन जलावर्धन योजना के ठेकेदार का इकबाल भाजपा शासन में जमकर बुलंद था। उस दौरान ठेकेदार के द्वारा की गयी झींगा मस्ती के बाद भी किसी के द्वारा ठेकेदार का बाल भी बांका नहीं किया जा सका।
लोगों का कहना है कि प्रदेश में काँग्रेस के सत्ता में आने के बाद भी अब तक न तो इस योजना का पानी लोगों को मिल पाया है और न ही ठेकेदार के खिलाफ काँग्रेस के द्वारा किसी तरह का कदम उठाया जा सका है। यहाँ तक कि जिला काँग्रेस, नगर काँग्रेस सहित काँग्रेस के दोनों विधायक भी इस मामले में मौन ही नजर आ रहे हैं।