कब सुलझेंगी इन हत्याओं की गुत्थियां!

 

 

साढ़े चार साल पहले कुरई घाट में मिला था महिला का शव

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जिले में अज्ञात महिलाओं के शवों की गुत्थी सुलझाने में जिला पुलिस पूरी तरह नाकाम ही दिख रही है। जिले में अनेक महिलाओं के शव मिले हैं पर पुलिस इस मामले में खाली हाथ ही दिख रही है।

पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कुरई थानांतर्गत 20 दिसंबर 2014 को एक महिला का शव कुरई घाटी में मिला था। इस बारे में पुलिस आज भी खाली हाथ है। पूर्व में तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक अवध किशोर पाण्डेय के द्वारा अवश्य ही सोशल मीडिया व्हाट्सएप्प पर एक बार उक्त युवति का फोटो डालकर उस युवती की शिनाख्त करने की अपील की गयी थी।

विडंबना ही कही जायेगी कि उक्त युवती कौन है? उसकी हत्या हुई थी, अथवा उसके द्वारा आत्म हत्या की गयी थी, इस बारे में भी पुलिस अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच सकी है। पुलिस के द्वारा लंबे समय से इस मामले की जाँच की जा रही है।

इसी तरह छपारा थानांतर्गत ग्राम तिलबोड़ी में पाँच अगस्त 2016 को हुई महिला की हत्या का खुलासा नहीं हो पाया है। इस महिला की हत्या हुए दो साल बीत चुके है पर पुलिस को इसका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। बताया जाता है कि घटना के दिन महिला खेत में निंदाई व अन्य काम से गयी थी। उसकी निर्मम तरीके से धारदार हथियार से हमला कर हत्या की गयी थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस के द्वारा इस मामले में सघन जाँच की जा रही है।

सूत्रों ने बताया कि इसी तरह कान्हीवाड़ा थाना क्षेत्र के भोमा में 19 अगस्त 2016 की सुबह खेत में महिला का शव मिला था। इस मामले में भी पुलिस को अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। यह महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त बतायी जा रही थी। उसके गर्भवती होने की संभावना पुलिस ने जतायी थी।

इसके साथ ही सूत्रों ने बताया कि लगभग सात साल पहले बरघाट थानांतर्गत केसलई ग्राम के पास भी सड़क किनारे एक महिला का शव मिला था। इस बारे में भी अब तक पुलिस के हाथ खाली ही हैं। इसके अलावा लूघरवाड़ा के जैन मंदिर में हुए चौकीदार के कत्ल पर से भी अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है। हाल ही में अनेक हत्याओं के मामले भी घटे हैं जिन मामलों में भी पुलिस के हाथ किसी तरह की सफलता नहीं लग पायी है।

पिछले साल 19 सितंबर को धूमा थानांतर्गत बोदानाला के समीप भी लगभग 17 साल की एक अज्ञात युवती का शव मिला था। युवती के दोनों कंधे गमछे से बंधे हुए थे, और उसके मुँह में कंकड़ पत्थर भरे हुए थे। इस मामले में भी पुलिस अभी तक खाली हाथ ही है।

सूत्रों ने बताया कि सिवनी जिले में अनेक कमसिन बालाओं के गायब होने की शिकायतें भी पुलिस के पास दर्ज हैं। इसके बाद भी पुलिस के द्वारा इनकी पतासाजी में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाया जाना आश्चर्य जनक ही माना जायेगा। सूत्रों ने कहा कि सिवनी में पुलिस की कथित अनदेखी के चलते अगर मानव तस्करों के लिये सिवनी मुफीद जिला बन जाये तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिये।