भारी बारिश की चेतावनी!

 

 

 

 

 

कई जिलों में आंधी के साथ मूसलाधार बारिश

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद जबलपुर, सतना और बुरहानपुर  में भारी बारिश  के समाचार हैं। जबकि बाकी जिलों में भी अलर्ट जारी किया गया है। इधर, भोपाल में भी तेज आंधी के साथ जोरदार बारिश शुरू हो गई है। शहर के कई इलाकों में पेड़ और होर्डिंग्स उखड़ने की भी खबरे आ रही हैं।

मध्यप्रदेश में मानसून प्रभावी रूप से सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने 26 जिलों में भारी और भारी से भी अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। इसका असर 48 घंटों के दौरान देखने को मिलेगा।

यहां हो सकती है भारी बारिश : मंगलवार को जारी ताजा अपडेट के मुताबिक अनूपपुर, डिंडोरी, उमरिया, रीवा, सतना, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, सागर, दमोह, सीहोर, हरदा, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। यह चेतावनी 4 जुलाई सुबह तक रहेगी।

उत्तर भारत की और बढ़ा मानसून : दक्षिण पश्चिम मानसून देश के कुछ और भागों में आगे बढ़ गया है, जिसमें पूर्वी राजस्थान के कुछ भाग मध्य प्रदेश का अधिकांश भाग, छत्तीसगढ़ का शेष भाग, उत्तर प्रदेश के कुछ और भाग, उत्तराखंड के अधिकांश भाग, हिमाचल प्रदेश के कुछ भाग एवं जम्मू कश्मीर के कुछ भाग शामिल हैं।

दक्षिण पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा 22 डिग्री उत्तरी अक्षांश 60 डिग्री पूर्वी देशांतर 22 डिग्री उत्तरी अक्षांश 65 डिग्री पूर्वी देशांतर द्वारिका अहमदाबाद, राजगढ़, खजुराहो, लखनऊ, नजीबाबाद मंडी से 33 डिग्री उत्तरी अक्षांश 79 डिग्री पूर्वी देशांतर से होकर जा रही है।

अगले दो-तीन दिनों में उत्तरी अरब सागर गुजरात मध्य प्रदेश राजस्थान के कुछ भाग हिमाचल प्रदेश उत्तर प्रदेश हरियाणा का कुछ भाग चंडीगढ़ दिल्ली और उत्तराखंड के शेष भाग में दक्षिण पश्चिम मानसून आगे बढ़ने की संभावना है।

मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाले उत्तर-पूर्व झारखंड और उससे लगे उड़ीसा, पश्चिम बंगाल के गंगा का क्षेत्र पर कम दबाव का क्षेत्र बनने से यह मध्यप्रदेश के मौसम को प्रभावित कर रहा है। इसके साथ ही उत्तरी हवा में चक्रवाती हवा का घेरा 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक बना है, जो दक्षिण की ओर ऊंचाई के साथ झुका है।

दूसरा दक्षिणी गुजरात और उससे आसपास हवा के ऊपरी भाग में 2.1 से 5.8 किलोमीटर के बीच चक्रवाती हवा का घेरा बना है। तीसरा मध्य उत्तर प्रदेश के दक्षिण भाग में 1.5 किलोमीटर तक हवा के ऊपरी भाग में चक्रवाती हवा का घेरा बना है। चौथा दक्षिणी पंजाब से बंगाल की खाड़ी तक समुद्री सतह के ऊपर एक ट्रफ लाइन जा रही है, जो हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से होकर गुजर रही है।