लखनादौन, खवासा से अच्छी हो गई है सिवनी से बालाघाट सड़क!

सिवनी और बालाघाट में एक बार फिर जल्द आरंभ हो सकता है टोल
(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। प्रदेश के सिवनी जिले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की फोरलेन सड़क का काफी हिस्सा रखरखाव के अभाव में जर्जर हो चुका है, इस पर टोल वसूला जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सिवनी से लालबर्रा होकर बालाघाट के बीच सड़क की अगर बात की जाए तो यह फोरलेन से बेहतर स्थिति में दिख रही है।
उक्ताशय की बात मध्य प्रदेश राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड (एमपीआरडीसीएल) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कही। सूत्रों का कहना था कि बालाघाट में बैनगंगा पुल के आगे और सिवनी में सेलुआ के टोलनाके पर टोल वसूली का विरोध लोगों के द्वारा इसलिए किया जा रहा था कि सड़क मोटरेबल नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि इस सड़क का संधारण आरंभ कराया गया और वर्तमान में सिवनी से बालाघाट के बीच की सड़क अच्छी हालत में दिख रही है। यह सड़क पूरी तरह मोटरेबल है। इसके अलावा अधिकारियों के द्वारा एनएचएआई के अधीन वाली लखनादौर से छपारा, सिवनी, मोहगांव होकर खवासा के बीच के सड़क के हिस्से को भी देखा गया जो सिवनी बालाघाट की अपेक्षा जर्जर ही प्रतीत हो रही है।
एमपीआरडीसीएल के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि बालाघाट में बैनगंगा पुल के पास वाले नाके को वहां से हटाकर बालाघाट से लगभग 12 किलोमीटर दूर लालबर्रा मार्ग पर ले जाया जा रहा है ताकि बालाघाट शहर के लोग अगर वारासिवनी जाते हैं अथवा गर्रा के आगे जाते हैं तो वे टोल से मुक्त रह सकें। इसके लिए बालाघाट के विधायक गौरी शंकर बिसेन के द्वारा पहल की गई थी।
सूत्रों की मानें तो सिवनी में सिवनी या बरघाट के विधायक दिनेश राय या अर्जुन सिंह काकोड़िया के द्वारा एमपीआरडीसीएल के अधिकारियों से चर्चा की जाती तो सिवनी में सेलुआ का टोल नाका बरघाट और धारना के बीच स्थापित हो सकता था, जिससे सिवनी से बरघाट आने जाने वाले टोल मुक्त होते।
सूत्रों ने बताया कि एमपीआरडीसीएल के अधिकारियों के द्वारा शासन को यह बताने का प्रयास भी किया जा रहा है कि जब सिवनी जिले में लखनादौन से खवासा के बीच जर्जर सड़क पर तीन स्थानों पर टोल वसूली की जा सकती है तो फिर सिवनी से बालाघाट की सड़क जो उससे बेहतर स्थिति में है पर टोल की वसूली क्यों नहीं की जा सकती है! सूत्रों ने कहा कि अगर शासन स्तर पर यह मान लिया गया तो एकाध माह में सिवनी से बालाघाट के बीच दो स्थानों पर टोल वसूली आरंभ हो सकती है।

मांग ही अनुचित थी!

एमपीआरडीसीएल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि सिवनी में टोल का विरोध कर रहे लोगों की मांग ही गलत थी। दरअसल, सिवनी के नेताओं को सिवनी से बालाघाट के बीच टोल वसूली तब आरंभ कराने की मांग करना चाहिए था जब इस सड़क पर पूरी तरह डामरीकरण कर इसे नई सड़क बना दिया जाता, पर नेताओं के द्वारा इसे मोटरेबल बनाए जाने के बाद टोल वसूली की मांग रखी गई थी।
एमपीआरडीसीएल के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि इस मामले में कांग्रेस के बरघाट के विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया को शासन अथवा एमपीआरडीसीएल प्रबंध संचालक के समक्ष इस बात को रखना था कि जब तक सड़क का निर्माण पूरी तरह नए रूप में नहीं किया जाता तब तक किसी भी कीमत पर टोल वसूली नहीं की जाए, पर इस मांग को किसी के द्वारा भी नहीं रखा जाना आश्चर्य का ही विषय माना जा रहा है।
सूत्रों ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि अब अगर टोल वसूली आरंभ हुई तो उसके बाद सिवनी से बालाघाट मार्ग का नया बनना शायद संभव नहीं होगा। इसके बाद इस सड़क पर पेंच रिपेयर किया जाकर ही इस सड़क का संधारण किया जाएगा और उसी आधार पर टोल वसूली जारी रह सकती है।