अंग्रेजी शराब बिक रही नियमानुसार, देशी व कच्ची बिक रही नियम विरूद्ध!

आबकारी व पुलिस का नजला टूट रहा सिर्फ कच्ची और देशी शराब पर!
(अपराध ब्यूरो)
सिवनी (साई)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा नशे के अवैध कारोबार को ध्वस्त करने के सख्त निर्देश दिए जाने का असर सिवनी में दिखाई देने लगा है। आश्चर्य इस बात पर है कि यह नशे अर्थात शराब का अवैध कारोबार सिर्फ कच्ची और देशी शराब व्यवसाय करने वालों के द्वारा किया जा रहा है। विदेशी मदिरा का करोबार पूरे नियम कायदे से चल रहा है।
जी हां, यह बात सरकारी विज्ञप्तियों से साफ हो जाता है, कि पुलिस और आबकारी विभाग का पूरा ध्यान कच्ची और देशी शराब पकड़ने की और है जो अवैध रूप से बिक रही हो। बुधवार 12 अक्टूबर को जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार जिला कलेक्टर डॉ राहुल हरिदास फटिंग के निर्देशानुसार अवैध शराब के निर्माण, विक्रय एवं परिवहन पर रोक लगाने हेतु प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी जतेन्द्र सिंह गुर्जर के मार्गदर्शन में आबकारी वृत शहर के अन्तर्गत आबकारी एवं पुलिस विभाग के संयुक्त दल द्वारा रानी दुर्गावती वार्ड, गंज वार्ड मे दबिश कार्यवाही करते हुए 19 लीटर हाथ भट्टी मदिरा, 8.46 बल्क लीटर देशी मदिरा प्लेन एवं 350 लीटर महुआ लाहन बरामद किया गया।
विज्ञप्ति के अनुसार महुआ लाहन का सेम्पल निकालकर शेष महुआ लाहन निर्मूल्य होने से मौके पर नष्ट कराया गया तथा धारा 34 (1) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत 06 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। कार्यवाही के दौरान आबकारी विभाग सिवनी, थाना कोतवाली सिवनी एवं पुलिस लाइन सिवनी का बल उपस्थित रहा।
विज्ञप्ति के मुताबिक इसी तरह पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न थाना क्षेत्र में कार्यवाही करते हुए कुल 50 प्रकरण दर्ज कर 185 लीटर अवैध शराब जप्त की गई है। इसके अतिरिक्त बरघाट थाना क्षेत्र अंतर्गत हिर्री नदी, जेवनारा के समीप दबिस देकर लगभग 4 क्विंटल महुआ लाहन नष्ट कराया गया।
यहां यह उल्लेखनीय होगा कि जिले भर में अंग्रेजी शराब के अवैध कारोबार की शिकायतें जब तक मीडिया में सुर्खियां बनी रहती हैं। आबादी के आसपास और सड़क किनारे के होटल ढाबों में पौ फटने के बाद देर रात तक सोडे की डकारें और धुंए के छल्ले उड़ते दिखाई दे जाते हैं।
लोगों का कहना तो यहां तक है कि होटल ढाबों सहित ग्रामीण अंचलों में किराना दुकानों, चाय पान के ठेलों तक में विदेशी मदिरा आसानी से मिल रही है। बावजूद इसके आबकारी विभाग और पुलिस का नजला सिर्फ और सिर्फ कच्ची एवं देशी शराब का अवैध कारोबार करने वालों पर टूटना अपने आप में आश्चर्य से कम नहीं माना जा सकता है।